NOIDA’s NAI PEHAL MARCHING AHEAD

नई पहल नोएडा का फ़रवरी माह का कवि सम्मेलन 25 फ़रवरी को नोएडा स्टेडियम में बहुत ही शानदार ढंग से संपन्न हुआ । सुप्रसिद्ध कवि एवं कादम्बिनी के पूर्व संपादक डॉ धनञ्जय सिंह जी की गरिमामय उपस्थिति में कई नवोदित एवं वरिष्ठ कवियों ने कवितापाठ कर आयोजन को यादगार बना दिया ।युवा हास्य कवि विनोद पांडेय के संयोजन एवं युवा शायर प्रभात चतुर्वेदी के सुन्दर सञ्चालन में सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं अंतर्राष्ट्रीय कवि सर्वश्री डॉ धनञ्जय सिंह,सुप्रसिद्ध गीतकार इंद्रजीत सुकुमार ,कवियित्री संगीता गोयल ,युवा कवि विक्रम प्रताप सिंह ,ब्रजनंदन पचौरी जी ने काव्य-पाठ किया । साथ ही साथ कार्यकम की उपलब्धि रही कि नवोदित शायर मुजम्मिल अयूब ,नवोदित कवि सूरज सिंह,उभरते हुए कवि दीपक शंखधार जी ने नई पहल से प्रथम बार काव्य-पाठ कर हमारे उद्देश्य को मजबूती प्रदान की । इस बार के कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा कि युवा कवि ब्रजनंदन पचौरी जी संस्कृत भाषा में कविता पाठ कर सभी को चकित कर दिया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध साहित्यकार श्री रामशरण गौड़ जी उपस्थित रहे और नवोदित कवियों को भरपूर आशिर्वाद दिए ।

कार्यक्रम की शुरुआत इंद्रजीत सुकुमार जी की मधुर वाणी में सरस्वती वंदना से हुई । तत्पश्चात मुख्य अतिथि सहित सभी गणमान्य अतिथियों एवं कवियों को सम्मानित किया गया । काव्यपाठ की श्रृंखला में युवा कवि विक्रम प्रताप जी ने अपनी कविता "खेतों में किसानों की मुहब्बत हल चलाती है " से शानदार शुरुआत की और सामाजिक कारोकारों की बात करते हुए महफ़िल में छा गए । नवोदित शायर मुजम्मिल अयूब ने " वो यूँ ही मेरे हिस्से नहीं आया ,मुद्दतों आँखों ने नींद का रोजा रक्खा है " जैसी कवितायेँ कर के सभी को शायराना कर दिया । नवोदित कवि सूरज जी ने "हूँ तुलसी के छंद समेटे ,क्या मेरी कोई कृति गायी है " पढ़कर सभी की खूब वाहवाही लूटी । नवोदित कवियों की इसी श्रृंखला में दीपक शंखधार जी ने भी बहुत सुन्दर कवितायेँ पढ़ी । जिनकी पंक्तियाँ "मैं दीवाली अली ,राम ,रमजान हूँ ,मैं हिंदुस्तान हूँ " खूब सराही गयी । मंच पर उपस्थित एकमात्र कवियित्री श्रीमती संगीता गोयल जी ने बहुत खूबसूरत अशआर पढ़े । उनके मुक्तक "न जाने कैसी हवा सी चली है ,यहाँ जिंदगी फड़फड़ाने लगी है " खूब पसंद किया गया ।कार्यक्रम का विशेष आकर्षण संस्कृत कविता वाचन जिसे ब्रजनंदन पचौरी जी ने बखूबी अंजाम दिया । उनकी संस्कृत की कविता "दमयन्ती शमयन्ति त्रिश्नामी मन मेव "सभी को आश्चर्य कर दी कि आजकल जहाँ संस्कृत भाषा की पकड़ आम आदमी पर कमजोर होती जा रही है वहां नई पहल के मंच से इतनी सुन्दर कविता पढ़ी जा रही है ।सभी ने संस्कृत कविता को खूब मन से सुना और नई पहल के इस प्रयोग को खूब सराहा ।हमेशा की तरह इंद्रजीत सुकुमार जी ने अपने मुक्तक वर्षा से सभी को प्रेम के रस में भिगो दिया । उनका गीत "किसी की आँख में आँसू छलकता छोड़ आया हूँ "सभी को खूब भाया । अंत में देश सुप्रसिद्ध कवि डॉ धनञ्जय सिंह जी ने कार्यक्रम को शिखर पर पहुंचा दिया । जब उनके मुक्तक "तुमको अपना कहकर मैंने अपना अपनापन दे डाला ,तन पर तो अधिकार नहीं था मैंने अपना मन दे डाला " प्रांगण में गूंजे तो अचानक से श्रोताओं की और भीड़ उमड़ पड़ी । उन्होंने बहुत सुन्दर-सुन्दर कविता पढ़ कर ,नई पहल के इस आयोजन को समृद्ध कर दिया । साथ ही साथ उन्होंने नई पहल के इस सराहनीय कदम की बहुत प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि नए कवियों को मंच प्रदान करना और निखारना साहित्य और संस्कृति के विकास के लिए बहुत आवश्यक है जो नई पहल कर रही है ,जिसके लिए यह संस्था साधुवाद की पात्र है । उन्होंने संस्था का हर तरह से सहयोग करने की बात कही ।मुख्यअतिथि के रूप में पधारे वरिष्ठ साहित्यकार श्री राम शरण गौड़ जी ने सभी कवियों के काव्य-पाठ की खूब सराहना की और नई पहल के इस प्रयास के लिए बधाई दी । उन्होंने कहा कि आजकल समाज में को विसंगतियाँ उत्पन्न हो रही है उसे दूर करने के लिए साहित्यकार और कवियों का आगे आना बहुत आवश्यक है जिस कड़ी में नई पहल की भूमिका ऐतिहासिक हो चुकी है । गौड़ जी ने नोएडा को सांस्कृतिक शहर के रूप में पहचान दिलाने के लिए उपस्थित सभी साहित्यकारों के इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की साथ ही साथ उन्होंने उपस्थित श्रोताओं की भी प्रंशसा की और कहा कि आजकल लोग अच्छी बातों को सुनना कम चाहते हैं ऐसी स्थिति में समय निकाल कर कविताओं को सुनने के लिए उपस्थित श्रोताओं की बहुत तारीफ की ।

कार्यक्रम में नोएडा एवं आसपास के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित होकर इस आयोजन को सफल बनाये । जिनमें सुप्रसिद्ध हास्य कवि सर्वश्री बाबा कानपुरी ,गीतकार डॉ अशोक मधुप,डॉ राजपाल सिंह यादव,लोकमंच के अध्यक्ष महेश सक्सेना, समाजसेवी त्रिलोक शर्मा,गुलशन शर्मा,उपदेश भरद्वाज,एस सी मिश्रा ,हास्य कवि विनोद पांडेय ,युवा कवि उदय द्विवेदी जैसे कई नाम प्रमुख हैं। एक और यादगार ,सफल आयोजन के लिए नई पहल का यह कार्यक्रम याद किया जायेगा ।

धन्यवाद
विनोद पांडेय
संयोजक ,नई पहल