हर धर्म प्रेम की भाषा बोलता है

हर देश की कला, संस्कृति और सभ्यता अलग अलग होती है लेकिन जब दो देश आपस में मिलते है तो हमेशा ही एक दूसरे की संस्कृति के बारे में बात करते है और उसे जानने की कोशिश करते हैं और हमारे भारत देश की संस्कृति का हर देश कायल है इसीलिए भारत में हर संस्कृति, रंग, वैभव के दर्शन सभी प्रदेशों में हो जाते है और सभी त्यौहार पूरे देश में हर्षोउल्लास से मनाया जाता है क्योंकि भारत विभिन्न धर्मो का देश है और हर धर्म प्रेम की भाषा बोलता है इसीलिए हमें दूसरे देशो में जाकर भी प्रेम मिलता है यह कहना था एसोसिएशन फॉर एशियन यूनियन के संस्थापक डॉ. बेनी प्रसाद अग्रवाल का जोकि अंतराष्ट्रीय चैम्बर आॅफ मीडिया व मनोरंजन उद्योग द्वारा आयोजित नेशनल समिट में भाग लेने मारवाह स्टूडियो के प्रांगण में पहुंचे। इस अवसर पर विशेष अतिथियों के रूप में एसोसिएशन फॉर एशियन यूनियन के जनरल सेक्ट्ररी जे.एस. सलूजा और छत्तीसगढ़ के पूर्व गवर्नर जनरल के. एम. सेठ उपस्थित हुए। इस समिट में देश विभिन्न प्रदेशों से 158 प्रतिनिधियों द्वारा भाग लेने पर इस सम्मेलन में एक नया उत्साह और ऊर्जा देखने को मिली। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य यही है कि पूरे विश्व में कला और संस्कृति के माध्यम से विश्व के हर समुदाय के लिए एकता फैलाना।
इस अवसर पर मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने कहा कि इस तरह की समिट विश्व में प्रेम, शांति और सौहार्द का पैगाम देते है और किसी भी देश की संस्कृति को जानने के लिए वहां का गीत संगीत, फिल्मे और सांस्कृतिक धरोहर बहुत बड़ा काम करती है। इस अवसर पर के॰एम सेठ ने कहा की हम भारतीयो के अंदर प्रेम कूट कूट के भरा है इसलिए हम सभी देशो की संस्कृति का सम्मान करते है और प्रेम की भाषा बोलते है यही हमारी संस्कृति है और यही हमारा आचरण है और शायद इसीलिए हमारी धरोहर आज भी जीवित है। जे.एस. सलूजा ने कहा कि हम गांधीवादी जिंदगी से बहुत प्रभावित है। सरल जीवन, कम उम्मीदें और मानवता की सेवा करने के लिए सदैव तत्पर रहना हम भारतीयों की आदत है।