शिक्षा के नाम पर बच्चो के भविष्य से हो रहा ख िलवाड़

ग्रेटर नोएडा – जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार शिक्षा को लेकर नई – नई योजनाये बनाती है और शिक्षा के आधार पर बच्चो का भविष्य बनाने में सरकारे लगी है तो वही आज इस वैज्ञानिक युग में कुछ सरकारी स्कूलों में शिक्षा के नाम पर बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है बच्चो को शिक्षा देने की बजाये उनसे काम कराया जाता है ऐसा ही एक मामला आया है , दादरी ब्लॉक के थापखेड़ा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में बच्चों से बर्तन सफाई कराने का मामला प्रकाश में आया है। शनिवार को भी स्कूल में बच्चे बर्तन सफाई करते हुए मिले। इस बारे में पूछने परा अध्यापकों का कहना है कि बर्तन साफ करने के लिए स्कूल में कोई कर्मचारी तैनात नहीं है सभी स्कूलों में बच्चे ही ये काम करते हैं। थापखेड़ा गांव के प्राइमरी स्कूल में दो अध्यापक हैं। शनिवार को अमर उजाला संवाददाता ने मिड-डे मील के वितरण के दौरान स्कूल का जायजा लिया। इस दौरान अधिकांश बच्चे खाना खा चुके थे।मिड-डे मिल खाने के बाद बच्चे अपने बर्तन स्कूल परिसर में लगे हैंडपंप पर धोने में जुटे थे। वहीं दो छात्राएं मिड-डे मिल के लिए इस्तेमाल होने वाली बाल्टी साफ रही थीं। बच्चों ने बताया कि हर रोज इसी तरह ही वे बर्तन धोते हैं।इसके अलावा सुबह क्लास रूम की सफाई भी करते हैं। स्कूल में मौजूद अध्यापिका और अध्यापक ने बताया कि गांव में कोई सफाई कर्मचारी भी तैनात नहीं है। सफाई कर्मचारी नहीं होने के चलते दिक्कत होती है। स्कूलों में बच्चे ही सफाई करते हैं, यह सभी जानते हैं। जीटी रोड स्थित सरकारी जूनियर हाई स्कूल में छात्रों से सफाई कराई जाती है। राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति ने जिलाधिकारी से यह शिकायत की है। समिति के दुर्गेश सिंह सेंगर ने कहा कि स्कूल में रोजाना सुबह छात्रों से सफाई कराई जाती है।