जिला कारागार के कैदियों की पेंटिंग्स राष् ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर करेंगी देश ना म रोशन

गौतमबुद्ध नगर -जिला कारागार में प्रवेश के साथ ही हर व्यक्ति की निगाहें दीवारों पर बनी वॉल पेंटिंग्स पर ठहर जाती हैं। हर पेंटिंग अपने आप में कुछ भाव बयां करती है। ये पेंटिंग्स किसी प्रोफेशनल्स ने नहीं बल्कि कारागार में विभिन्न अपराधों में बंद कैदियों ने बनाई हैं। कारागार प्रशान ने कैदियों की प्रतिभा को तराशने के लिए एक आर्ट गैलरी का भी निर्माण कराया है, जिसमें प्रतिभाशाली चित्रकार तैयार हो रहे हैं।

कारागार प्रशासन ने जिला प्रशासन की पहल पर कैदियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में पेश करने की तैयारी कर रहा है। आगामी एक्सपोमार्ट में आयोजित होने वाली प्रदर्शनी में कारगार की आर्ट गैलरी का भी एक स्टाल लगाया जायेगा, जहां ये पेंटिंग्स सजाई जाएंगी। जिला कारागार अधीक्षक एमएल यादव ने बताया कि कैदियों की सकारात्मक ऊर्जा के सदउपयोग के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इससे अभी तक दर्जनभर से अधिक कैदियों ने पेंटिंग बनाने की कला सीख ली है। जिलाधिकारी बीएन सिंह से बातचीत के बाद इन पेंटिंग्स को लोगों के सामने लाने का प्रयास किया जाएगा। पेंटिंग्स की बिक्री के बाद होने वाली कमाई को कैदियों के कल्याण पर खर्च किया जाएगा और उनके खातों में जमा किया जाएगा।

एमएल यादव ने बताया कि 2 साल पूर्व जेल में हत्या के आरोप में बंद मिथुन नामक एक कैदी ने पेंटिंग बनानी शुरू की थी। जेल प्रशासन के सहयोग से उसको प्रोत्साहन मिला। इसी का परिणाम रहा है कि वर्तमान में लगभग एक दर्जन कैदी प्रोत्साहन प्राप्त कर प्रोफेेसनल्स की तरह पेंटिंग बना रहे हैं। बहरहाल, मिथुन जमानत पर रिहा हो चुका है, लेकिन उसकी प्रेरणा से दीपक और जेके नामक कैदी अन्य कैदियों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं। उनके अनुसार दीपक नाबालिग से रेप के आरोप में जेल में बंद है।

साढ़े 7 हजार की बिक चुकी है 4 पेंटिंग्स

जेल अधीक्षक के अनुसार ग्रेटर नोएडा में पिछले दिनों आयोजित की गई एक प्रदर्शनी में कैदियों द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को प्रस्तुत किया गया था। इनमें से 4 पेंटिंग्स साढ़े सात हजार रुपयें में बिकी थी। इसकेे बाद इन पेंटिंग्स को बड़े मंचों पर पेश करने का विचार मन में आया है जिसको जिलाधिकारी बीएन सिंह के सहयोग से स्वीकृति मिल चुकी है।