NOIDA TRAFFIC OR TERRIFIC POLICE ?

Noida : कर्तव्य का निर्वहन करते शहीद सिपाही के सलामी समारोह में अधिकारीयो का अमानवीय व्यवहार, कोई नहीं पहुचा पार्थिव शरीर पर दो फूल चढाने

नोएडा पुलिस के अधिकारियो का अमानवीय चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ जब सड़क हादसे में मारे गए अपने आन डियूटी कांस्टेबल की मौत पर आयोजित सलामी समारोह में भाग लेने कोई भी अधिकारी नहीं पहुचा। सिपाही के अन्य साथी सिपाही जहा अधिकारियो के इस रवैये से आहत महसूस कर रहे है। वही पुलिस अधिकारियो के इस रवैया से नाराज सिपाही शशि कान्त के परिजन दाह संस्कार करने के लिए मेरठ अपने पैतृक गांव चले गए।

कर्तव्य का निर्वहन करते हुए मौत पर व्यक्ति को शहीद का दर्जा दिया जाता है , यह मौत चाहे सरहद पर हो या सड़क पर। लेकिन नोएडा के पुलिस अधिकारियों ने अपने स्वार्थ के कारण इतने अमानवीय हो गए है , कि एक शहीद को सम्मान देना भी उन्हें गवारा नहीं है। नोएडा ट्रैफिक पुलिस में पिछले पाच साल से कांस्टेबल पद पर तैनात 79 बेंच के शशिकांत कल रात जेवर के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर में जाम खुलवाते समय अज्ञात वाहन की टक्कर से मौत हो गई थी।

आज जब पोस्टमार्टम हुआ तो उसके बाद पार्थिव शव को पुलिस लाइन ले जाने के बहाने , वही सड़क किनारे रख सलामी देने की तैयारी शुरू कर दी गई , लेकिन कोई आलाधिकारी नहीं पहुच तो टी आई ने सलामी लेने लगे। सिपाहीयो में रोष पैदा हो गया और परिजन भी नाराज हो गए और एम्बुलेंस में शव रख कर मेरठ रवाना होने लगे , तब एसपी ट्रैफिक मौके पर पहुचे लेकिन सलामी नहीं दिया और परिजनों से ही मिले। यह है नोएडा के पुलिस अधिकारियो का अमानवीय व्यवहार , जिसके चलते पुलिस कर्मिओ में काफी रोष है।