नॉएडा : रोटरी क्लब के ब्लड बैंक में खून की त स्करी , चार करोड़ का हुआ गबन ,

नॉएडा – इंसान का जमीर इतना गिर गया है कि पैसा कमाने के लिए अब खून की तस्करी करने लगा है ऐसा ही एक मामला नॉएडा शहर का आया है जहां रोटरी क्लब की आड़ में ब्लड की तस्करी की जा रही थी। ये काम ट्रस्ट के जरिये चार शहरों में गैर कानूनी तरीके से रक्त सप्लाई कर रहा था। इस तस्करी के समय में आरोपी ने क्लब के साथ मिलकर तक़रीबन 4 करोड़ रुपये का गबन किया है। ये ब्लड बैंक सेक्टर-31 में स्थित है। जब इस ब्लड की तस्करी के बारे में वर्तमान के ब्लड बैंक के मैनेजिंग ट्रस्टी सुधीर कुमार मिढ़ा और ट्रस्ट की संचालन समिति के अध्यक्ष सुधीर वालिया को पता चला , तो उन्होंने तुरंत एटीएस हेमलेट सेक्टर-104 निवासी पूर्व मैनेजिंग ट्रस्टी सतीश सिंघल के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई है। बताया जाता रहा है कि कुछ सदस्यों की आपत्ति के बाद अकाउंट के लेखाजोखा की जांच शुरू हुई तो ये फर्जीवाड़ा सामने आया। बता दे कि नोएडा रोटरी क्लब ने एक ट्रस्ट बनाकर आठ जून 2011 को नोएडा के सेक्टर-31 में ब्लड बैंक शुरू किया था। इस ट्रस्ट में सतीश सिंघल को एक वर्ष के लिए मैनेजिंग ट्रस्टी बनाया गया था। हालांकि सतीश सिंघल अक्टूबर-2017 तक ट्रस्टी बने रहे, जब तक उन्हें पद से हटा नहीं दिया गया। ट्रस्ट को विभागीय जांच में पता चला कि सतीश सिंघल ने दिल्ली की कई दवा दुकानों और कंपनियों से फर्जी बिल बनवाकर भी लाखों रुपए का गबन किया है। जून 2016 से दिसम्बर 2016 के बीच तीन दवा फर्मों से फर्जी बिल बनवाकर 16 लाख रुपए से ज्यादा का फ्रॉड किया गया है।दो फर्मों द्वारा सप्लाई किए गए 50 लाख रुपए से ज्यादा के सामानों की भी जांच चल रही है। इसमें कई ऐसे सामान हैं, जो अल्ट्रासाउंड या ऑपरेशन आदि में इस्तेमाल होता है। ब्लड बैंक के स्टॉक में इन सामानों की एंट्री भी नहीं है।जांच में पता चला कि सतीश सिंघल ब्लड बैंक में बड़े पैमाने पर गड़बडिय़ां कर रहे थे। खातों में सेंध लगाने के अलावा वह रोटरी क्लब के रक्तदान शिविरों में जमा होने वाला खून भी गैरकानूनी तरीकों से बेच रहे हैं। सतीश सिंघल पर आरोप है कि उन्होंने किशोरी बिल्डिंग कलेक्टरगंज कानपुर स्थित मायांजलि ब्लड बैंक को वर्ष 2014 से 2017 के बीच लगभग 7000 यूनिट रक्त मुफ्त में भेजा है।मायांजलि ब्लड बैंक उन्हीं का है। इसके लिए उन्होंने ट्रस्ट के बाकी पदाधिकारियों से मंजूरी नहीं ली थी। ट्रस्ट के सदस्यों को आशंका है कि सतीश सिंघल अपने कानपुर के ब्लड बैंक में 20 से 25 हजार यूनिट रक्त मुफ्त में भेज चुके हैं। ट्रस्ट को अपनी आंतरिक जांच में 7000 यूनिट रक्त भेजने के सुबुत मिले हैं। सतीश सिंघल पर कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर और मथुरा के अन्य ब्लड बैंकों को भी रक्त बेचने का आरोप है। जब इस संबंध में सतीश सिंघल से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। पुलिस अपने तरीके से जाँच कर रही है , इस ब्लड तस्करी खेल में कौन कौन शामिल हो सकते है।