First Time in the world break-through surgery done at Metro Hospitals & Heart Instt., Noida

नोएडा के मेट्रो होस्पिटल्स व हार्ट इंस्टीट्यूट ने पहली सफल नाॅन इनवेसिव सर्जरी कर विश्व रिकार्ड बनाया आमतौर पर ओपन हार्ट सर्जरी में 4 से 5 घंटे लगते है जबकि यह 45 मिनट में बिना सर्जरी के सफलतापूर्वक की गई। टी ए वी आर $पी टी सी ए (स्टेंटिंग के साथ) के संयोजन की यह दुनिया की पहली सफल नाॅन इनवेसिव सर्जरी बनी। इस क्रांतिकारी प्रक्रिया उन बुजुर्गं व अन्य रोगियों के लिए वरदान साबित होगी जो ओपन हार्ट सर्जरी के लिए अनफिट माने जाते है। नोएडा स्थित मेट्रो होस्पिटल्स व हार्ट इंस्टीट्यूट ने 76 साल की बुजुर्ग रोगी के हृदय में नाॅन सर्जिकल प्रक्रिया से ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट (टी ए वी आर) 45 मिनट से भी कम समय में सफलतापूर्वक लगाकर विश्व रिकार्ड बना दिया। इसके साथ बुजुर्ग की मुख्य आर्टेरी में स्टेंटिंग के साथ इंजियोप्लाॅस्टी भी इसी सिटिंग में की गई। साल 1992 में भारत स्थित नई दिल्ली में कार्डियोलोजिकल सोसयाटी आॅफ इंडिया के वार्षिक फंक्शन के दौरान भाषण देते हुए डाॅ. पुरूषोतम लाल ने जानवरों पर ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट (टी ए वी आर) की स्टडी को पेश किया और कहा कि ‘‘ एक दिन हम बिना सर्जरी के एओर्टिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट करेगें।‘‘ हालांकि इंटरवेंशनल कार्डियोलाॅजी ने कई समय के साथ काफी प्रगति की लेकिन सभी इस प्रक्रिया की सफलता को लेकर आशंकित थे। 12 साल बाद 12 जुलाई 2004 में डाॅ. पुरूषोतम लाल ने अपनी टीम के साथ दुनिया में पहली बार कोर वाॅल्व के साथ ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट किया और उसकी रिसर्च से जुड़े पेपर भी प्रकाशित किए। तब से डाॅ. लाल को विभिन्न देशों द्वारा निमंत्रित किया जा रहा है ताकि वह कोर वाॅल्व के साथ ट्रांसकेथेटर एओर्टिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट
का पहला मामला पेश कर सके। यह प्रक्रिया दुनियाभर में इतनी प्रसिद्व हुई कि अभी तक विभिन्न देशों के लगभग 2 लाख मामले यह प्रक्रिया करवा चुके है। वर्तमान में कोर वाॅल्व मेडट्रोनिक द्वारा दी जा रही है जिसकी एक प्रक्रिया की कीमत 16 से 20 लाख रूपये है और यह लागत आम आदमी के लिए अदा करना बहुत मुश्किल है। 20 से ज्यादा तरह के वाॅल्व विकसित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है और उम्मीद है कि इससे कीमत में कमी आएंगी। प्रक्रिया 76 साल की मिसेज रमा धमानी को पिछले 15 साल से हाइपरटेंशन की बीमारी थी और पिछले 10 साल से हाइपोथाइराॅयसिम से पीड़ित थी। इसके अलावा सीओपीडी(फेफड़ों की बुरी स्थिति), दोनों घुटनों मेें गंभीर ओस्टियोआथ्र्राइटिस की समस्या थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ और छाती में दर्द के साथ हार्ट फेल के चलते कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी इको कार्डियोग्राफी में गंभीर और केलसीफिक एओर्टिक वाॅल्व स्टेनोसिस का पता चला। उनकी क्रोनोरी एंजियोग्राफी से पता चला कि उनकी मुख्य आर्टेरी गंभीर रूप से ब्लाॅक है। न तो रोगी सर्जरी के लिए फिट थी और ना ही उनके परिवार वाले रोगी की ओपन हार्ट सर्जरी कराना चाहते थे। जब हम उन्हें केथ लैब लेकर जा रहे थे तो परिवार ने हमें स्पष्ट रूप से कहा कि अगर प्रक्रिया के दौरान किसी तरह की
आपातकालीन सर्जरी की जरूरत भी पड़ी तो वह इसकेे लिए भी तैयार नहीं है। प्रक्रिया में रोगी को लोकल एनेस्थीसिया दिया गया। शुरूआत में मुख्य आर्टेरी की स्टेंटिंग के साथ एंजियोप्लाॅस्टी की गई। इसके बार 26 एम एम के आकार की खुद ही फैलने वाली प्री क्रिम्लड वाॅल्व लगाई गई। प्रक्रिया के बाद एंजियोग्राफी और इको से वाॅल्व के लीक और उसके कसाव को चेक किया गया। रोगी को 3 दिन बाद छुट्टी दे दी गई। अब रोगी तीन हफ्ते के लिए फाॅलोअप ले रही है और वह बिल्कुल ठीक है। हम भविष्य में उनके दोनों घुटनों का रिप्लेसमेंट भी सोच रहे है जो कि पहले मुश्किल था।