नेफोवा ने सीएम योगी से गौतमबुद्ध नगर में चरमराती स्वास्थ्य सेवाएँ एवँ सीएमओ के ख़राब स्वाभाव की शिकायत की

नेफोवा ने शनिवार दिनांक 01-मई-2021 को ईमेल के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर में चरमराती स्वास्थ्य सेवाएँ एवँ सीएमओ के ख़राब स्वाभाव की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को चिट्ठी के माध्यम से जिले के धराशायी होते स्वास्थ्य एवँ चिकित्सीय सेवा और मुख्यमंत्री के विभिन्न आदेशों के अनुपालन ना होने के बारे में अवगत कराया गया है।

नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि कोरोना की वजह से गौतमबुद्ध नगर जिले में स्थिति भयावह है। जिले में लोगों को बेड नहीं मिल रहे, इंजेक्शन नहीं मिल रहे ऑक्सीजन की किल्लत है। जिले में स्वास्थ्य एवँ चिकित्सीय सेवा पूरी तरह से धराशायी हो गयी है। अभिषेक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी खुद बिमार होने के बावजूद प्रदेश के स्थिति पर नियत्रण के लिए लगातार निगरानी रख रहे और आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे हैं, लेकिन दुःख की बात यह है कि मुख्यमंत्री जी के आदेशों का जिले में अनुपालन नहीं हो रहा।

अभिषेक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ देने के कई आदेश जारी किये, लेकिन जिले में स्थिति जस की तस है। मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी डीएम-सीएमओ को आदेश दिया था कि किसी भी अस्पताल से किसी मरीज को बिना इलाज के ना भेजा जाए और सरकारी अस्पताल में जगह नहीं हो तो निजी अस्पताल में बेड दिलाया जाए। निजी अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों को मुफ्त रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए जाने का आदेश था और ऑक्सीजन की सुलभता सुनिंश्चित कराने के भी आदेश थे। लेकिन योगी जी के ये सभी आदेशों का जिले में अनुपालन नहीं हो रहा।

नेफोवा उपाध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि चिट्ठी में धराशायी होते स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साथ जिले के सीएमओ के असंवेदनशील और ख़राब स्वाभाव की भी शिकायत की गयी है। पिछले साल भी इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती होने पर सरकार की काफी किरकिरी करायी थी और अभी भी लगातार सरकार की किरकिरी करवा रहे। सीएमओ द्वारा गैरजिम्मेदाराना तरीके से "सरकार से पूछो" कहना, इंजेक्शन के लिए रोती-गिड़गिड़ाती महिलाओं को मदद के बदले धमकी देना, सीएमओ कार्यालय के ही कर्मचारी का कालाबाज़ारी में लिप्त होना और आँकड़ों के साथ छेड़ छाड़ करना प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जी के छवि को धूमिल कर रहा।

मुख्यमंत्री योगी जी से जिले में धराशायी होते स्वास्थ्य सेवाओं के साथ साथ जिले के सीएमओ के असंवेदनशील और ख़राब स्वाभाव के विषय पर संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है।