रेरा रीजनल वर्क सोप में नेफोमा ने रखा बायर ्स का दर्द, कहा रेरा में है अभी कई खामियां, सरका र देखे कैसे बने रेरा बायर्स का रामबाण

नई दिल्ली आज विज्ञान भवन में रेरा रीजनल वर्कसोप का आयोजन किया गया जिसमें बायर्स एसोसिएशन, बिल्डर एसोसिएशन, बैंक, रेरा अधिकारी ने भाग लिया, नेफोमा टीम से नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने लाखों फ्लेट बायर्स की समस्याओं को सभी के सामने रखा और कहा नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के लाखों फ्लेट बॉयर्स की समस्याओं के बारे में अवगत कराया, दस साल से आज भी फ्लेट बॉयर्स सड़कों पर है और बिल्डर बॉयर्स के पैसों को दूसरी जगह ट्रांसफर कर न प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है न बॉयर्स को संतुष्ट भरा जबाब देते है, रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम रेरा बिल फ्लेट बॉयर्स के लिए राम वाण है लेकिन देखने मे यह प्रतीत होता है रेरा बिल का सही देखरेख न होने के कारण रेरा बिल का बिल्डरों द्वारा गलत उपयोग ज्यादा हो रहा है,लाखों फ्लेट बॉयर्स की समस्याओं को देखते हुए नोएड़ा, ग्रेटर नोएडा में रेरा का एक नोडल अधिकारी नियुक्त हो जो यह देखे कि जो रेरा में सैकड़ों केस चल रहे है उनकी तारीख टाइम से लग रही है या जो रेरा द्वारा जो ऑर्डर आ रहे है उनको बिल्डर मान रहा है या नहीं

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम रेरा के अंतर्गत प्राधिकरण बिल्डरों को एफएआर देने पर विचार कर रहे है नोएड़ा शहर की हालत अब नही है कि वो हजारों लोगों का बोझ सह पाए, एफएआर देने बड़ी जटिल समस्याए उत्पन्न हो जाएगी, अभी भी सड़कों पर जाम की स्थिति रहती है, पार्किंग एक बड़ा मुद्दा है शहर के लिए । बिल्डरों द्वारा फ्लेट बायर्स से नाजायज अतरिक्त भरकम रकम दो लाख से चार लाख की बसूली के लिए डिमांड पत्र दिए जा रहे है जैसे कि वाटर कनेक्शन चार्ज, लेबर वेलफेयर चार्ज, ड्यूल मीटर चार्ज, सीवर कनेक्शन चार्ज, पावर बेकअप चार्ज, एडवांस AMC चार्ज इत्यादि जबकि फ्लेट बुकिंग कराते समय इसका कभी जिक्र नही किया गया

उत्तर प्रदेश रेरा बिल को अक्टूबर 2016 में पिछली समाजवादी सरकार ने बिल्डर के फेवर में चार क्लॉज नोटिफाई किए थे, जबकि भाजपा सरकार बनने से पहले भाजपा सरकार के मंत्रियों, विधायक ने अपने एजेंडा में व चुनावी सभा मे कहा था कि भाजपा सरकार बनी तो सेंटर सरकार द्वारा पास किया हुआ रेरा ही लागू कराएगें बल्कि सरकार बनने के बाद डिनोटिफाइड करने के बजाय बिल्डरों को राहत देने के लिए और सरल प्रावधान किए गए, नेफोमा की मांग है जो सेन्ट्रल सरकार ने रेरा बिल बनाया था वही लागू किया जाए जिससे पुराने खरीददारों को फायदा मिल सके ।

बिल्डर रेरा को अपने मुताबिक गलत इस्तेमाल कर रहे है जिस बॉयर्स को बिल्डर पोजेशन देने के लिए 2016 में प्रतिबद्ध था, रेरा लागू होने के बाद बिल्डरो ने उन प्रोजेक्टो की तिथियों में अपने अनुसार बदलाव कर क्रमश 2017, से 2024 तक लेकर गए है एक ही प्रोजेक्ट को फेस वाइज दिखकार 10 प्रोजेक्ट बनाकर काम कर रहे है उन बॉयर्स की क्या गलती है जो 10 साल से घर के इंतजार में है ।
रेरा बिल सरकार ने लागू तो कर दिया लेकिन जो आदेश रेरा का आता है वह बिल्डर मानता नही, बिल्डर कहता है रेरा के ऑर्डर को हाईकोर्ट में चेलेंज करेगा, फिर रेरा कानून का अस्तित्व क्या रहा जब बॉयर्स ने हाईकोर्ट में ही जाना था, आपसे विनम्र निवेदन है कि एक कमेटी नोएड़ा में बनाकर प्राधिकरण मे पूरी तरह रेरा कानून को लागू कराया जाए तथा सभी को पालन करने के निर्देश दिए जाए और अगर कोई बिल्डर इसका पालन नही करता है तो प्राधिकरण उस बिल्डर पर सख्त कार्यवाही करे,

फ्लेट बॉयर्स का प्रतिनिधित्व करने के नाते नेफोमा को रेरा कमेटी का सदस्य नियुक्ति किया जाए जिससे हम समय समय पर आपको हर तथ्य और बिल्डरों द्वारा किए जा रहे अवैध कार्यों से आपको अवगत कराकर मा० प्रधानमंत्री जी द्वारा चलाए जा रहे भरस्टाचार मुक्ति भारत का हिस्सा बन लाखों फ्लेट बॉयर्स को न्याय दिला सकें, उत्तर प्रदेश रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार को अपनी मांगों का पत्र भी सौपा

नेफोमा सचिव रश्मी पांडेय, आसिम खान सदस्य, राजीव निझावन सलाहकार, चक्रेश जैन, कर्नल एस० के० नागरथ आदि मेम्बर ने रेरा वर्कसोप में भाग लिया