विकास की आड़ में प्रकृति का हो रहा दोहन, नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी ने जताई चिंता

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (03/05/2023): पृथ्वी पर प्रकृति की उपस्थिति ईश्वर का सबसे सुंदर उपहार है। प्रकृति के बिना मनुष्य के जीवन का कल्पना भी मुश्किल लग रहा है। प्रकृति हमें जल, स्वस्थ जीवन और भोजन, वायु इत्यादि सुविधा उपलब्ध कराती है। प्रकृति तो हमें अपनी ओर से सब कुछ दे रही है लेकिन हम लोग प्रकृति को क्या दे रहे हैं। यह एक बहुत बड़ा सवाल है ? जैसे-जैसे विकास बढ़ रहा है वैसे-वैसे प्रकृति का दोहन होना शुरू हो गया है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो प्रकृति को हम बचा नहीं पाएंगे और अगर प्रकृति नहीं बची तो मनुष्य को जीवन जीने के लिए बहुत ही संकटों का सामना करना पड़ेगा इसलिए समय रहते हमें प्रकृति के दोहन को रोकना होगा।

नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह ने विकास के आड़ में प्रकृति के हो रहे दोहन पर चिंता जताते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से एक विडियो शेयर किया। वीडियो में ओएसडी इंदु प्रकाश सिंह ने कहा कि पहले हम तालाबों का पानी पी लिया करते थे और नदियों में नहा लिया रहते थे। आज की स्थिति पूर्णतः बदल चुकी है। आज हम ना तो तालाबों का पानी का उपयोग पीने के लिए सकते हैं और ना नदियों के पानी का उपयोग नाहने के लिए कर सकते हैं। क्योंकि आज तालाबों और नदियों का पानी दूषित हो चुका है। और कई नदियां व तालाब तो सुख चुके हैं। आज पानी पीने के लिए हमें आर.ओ. का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। कहीं टहलने जाते और बाहर निकलते समय बोतल में पानी लेकर निकलना पड़ता है। अब वह दिन दूर नहीं जब हम जल्द ही ऑक्सीजन का सिलेंडर अपनी पीठ पर लाद कर चलेंगे। आगे उन्होंने कहा कि विकास हुआ सरकार ने अपना काम किया। विकास को सही तरीके से उपयोग करने का काम हमारा था। और हमने उसे सही तरीके से उपयोग नहीं किया। हमने उसका दुरुपयोग किया और अपने संसाधनों का दुरुपयोग किया। प्रकृति का दोहन किया। इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं और हमें ही इसको सुधारने की आवश्यकता है।

वहीं देश में विकास के नाम पर लोग अपनी प्रकृति का दुरुपयोग करना बंद करें। माना कि विकास भी जरूरी है लेकिन इसके साथ साथ हमें अपनी प्रकृति को भी विकास से कारण आए दुष्प्रभाव से बचाने के लिए काम करना होगा। क्योंकि बिना प्रकृति के जीवन संभव नहीं है।।