पश्चिमी दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर बनाकर कनाडा के लोगों को ठगने का मामला नया नहीं है। नवंबर 2018 में, कनाडाई पुलिस और यूएस एफबीआई टीम ऐसे ठगों की तलाश में नोएडा आई।
उसने पुलिस को सौ से अधिक ऐसे फर्जी कॉल सेंटरों की सूची भी सौंपी थी, जिनके द्वारा अमेरिका और कनाडा में बैठे लोगों द्वारा उसे ठगा गया था। लेकिन अब तक उनका यह धंधा बेरोकटोक जारी है और कॉल सेंटरों के जरिए सात समंदर पार बैठे लोगों को ठगा जा रहा है।
नोएडा कॉल सेंटरों का एक प्रमुख गढ़ बन गया है। पुलिस के अनुसार, दो हजार से अधिक कॉल सेंटर यहां चल रहे हैं, किस कॉल सेंटर में क्या हो रहा है और कहां गलत चीजें हो रही हैं और कहां सही है, यह वास्तव में नहीं बताया जा सकता है।
पुलिस के मुताबिक, ये लोग विदेशों में बैठे लोगों की कंप्यूटर स्क्रीन पर वायरस पॉप अप भेजते हैं। इसके बाद, कंप्यूटर धीमा हो जाता है। इसके बाद, ये ठग व्यक्ति पर वायरस के हमले का संदेश कंप्यूटर पर भेजते हैं। कुछ समय बाद, वे इन लोगों को सर्विस मैन का नंबर भेजते हैं।
जब पीड़ित वायरस को हटाने के लिए कॉल करता है, तो यह कॉल नोएडा के इन नकली कॉलसेंटर्स में आता है। इसके बाद आरोपी जालसाज इस वायरस को ठीक करने के नाम पर कंप्यूटर को रिमोट में ले जाते थे। फिर उन्हें बताया गया कि उनके कंप्यूटर में कई तरह के वायरस हैं। फिर इस वायरस को हटाने के नाम पर वे डॉलर में पैसा ठगते थे।