यूपी रेरा ने प्रदेश के 1227 बिल्डरों से स्ट्रेस फंड के लिए अप्लाई करने को कहा है। इसके लिए इन बिल्डरों को रेरा ने पत्र भेजे हैं। फंड का लाभ लेने के लिए रेरा ने 7 शर्तें पूरी करने को कहा है। उसके बाद यह लाभ मिल सकेगा।
केंद्र सरकार ने अधूरी बिल्डर परियोजनाओं को पूरा कराने के लिए यह फंड जारी किया है। रेरा के आदेश के अनुसार, इसमें 7 शर्तों को मानना होगा। किसी भी प्रॉजेक्ट को अधिकतम 400 करोड़ रुपये मिलेंगे।
माना जा रहा है कि स्ट्रेस फंड की शर्तों के अनुसार जिले के 40-50 प्रॉजेक्ट पूरे हो सकते हैं। इससे करीब 50 हजार बायर्स को फायदा होगा। प्रदेश में रेरा से एक लाख बायर्स का हित जुड़ा है। हालांकि आम्रपाली, जेपी और यूनिटेक जैसे ग्रुप इसके दायरे में नहीं आ रहे हैं।
जिले में इस समय रियल एस्टेट के करीब 200 प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। यूपी रेरा ने रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट का ऑडिट करने के लिए करी एंड ब्राउन एजेंसी को नामित किया है। अभी तक 15 प्रमोटर्स के प्रॉजेक्ट का ऑडिट हुआ है।
ये हैं शर्तें
1. परियोजना का रेरा में पंजीकृत होना चाहिए।
2. धन की कमी के कारण परियोजना रुकी हुई हो।
3. परियोजना सस्ती और मध्यम आय वर्ग के लिए हो।
4 – प्रॉजेक्ट पूरा होने के करीब होना चाहिए।
5- हाउसिंग यूनिट का कारपेट एरिया 200 वर्ग मीटर से अधिक न हो।
6- एक यूनिट की कीमत 1.5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए
7. प्रॉजेक्ट की NET WORTH पॉजिटिव होनी चाहिए।
यूपी रेरा में विभिन्न बिल्डरों के मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं के बारे में भी शिकायतें सुनी गईं। बायर्स ने अथॉरिटी पर पजेशन में देरी का आरोप लगाया। कहा गया कि साइट पर काम काफी अधिक काम बचा हुआ है। इस पर रेरा ने अथॉरिटी के ग्रेनो स्थित एक सेक्टर की परियोजना का निरीक्षण करने को कहा है।