नेफोवा ने सोमवार को जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह के चिट्ठी में कही बातों के समर्थन में प्रधान मंत्री को चिट्ठी लिखी है। प्रधान मंत्री के साथ साथ चिट्ठी की प्रतिलिपि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री, बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और IMA के राज्य महासचिव को भी भेजी गयी है।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रधान मंत्री को लिखे चिट्ठी में जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह की बातों का समर्थन किया गया है। इसके साथ IMA पदाधिकारियों पर आरोप भी लगाया है IMA निजी अस्पताल मालिकों के बहकाने और प्रलोभन देने पर पर विधयक के चिट्ठी में लिखित बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहा। चिट्ठी में कहीं भी डॉक्टरों के बारे में नहीं लिखा गया बल्कि अस्पताल मालिकों और अस्प्ताल संचालकों को उनका कर्तव्य बोध कराया गया है। किसी भी निजी अस्पताल में डॉक्टर अस्पताल का संचालक नहीं अपितु एक कर्मचारी मात्र है और कितने पैसे लेने है उसका निर्णय इलाज करने वाला डॉक्टर तय नहीं करता। अस्पतालों के पेमेंट काउंटर पर डॉक्टर नहीं बैठता, वह उस अस्पताल का कर्मचारी होता है जिसे अस्पताल प्रबंधन द्वारा तय रेट के हिसाब से पैसे लेने होते हैं। निजी अस्पतालों ने आपदा में अवसर का भरपूर उपयोग करते हुए आम जनता की खून पसीने की गाढ़ी कमाई के पैसे लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ा।
अभिषेक कुमार ने यह भी कहा कि सभी कॉरपोरेट बिज़नेस हाउस अपने बिजनेस से होने वाले लाभ का कुछ हिस्सा CSR एक्टिविटी के तहत खर्च करते हैं, लेकिन ये निजी अस्पताल कमाई और कमाई के अलावा कुछ सोच ही नहीं सकते, समाज को वापस देना तो बहुत दूर की बात है। अस्पताल मालिकों को अस्पताल बनाने के लिए जमीन कौड़ियों के भाव में दिया जाता लेकिन उसके एवज में जो उनका सामाजिक दायित्व होता है वो अस्पताल बनते ही अस्पताल मालिक भूल जाते। फिर उन्हें जरा भी यह होश नहीं रहता कि उनको जमीन आवंटन के क्या नियम थे या उसका भी कोई CSR का दायित्व बनता है।
अभिषेक कुमार ने बताया की हमने अनुरोध किया है की IMA द्वारा लिखित चिट्ठी को निराधार मानते हुए तत्काल निस्तारित किया जाए क्यूंकि IMA नोएडा या IMA HQ द्वारा चिट्ठी प्रेषित कर निजी अस्पताल के खिलाफ किसी भी तरीके की कार्यवाही ना करने का अनुरोध अस्पताल मालिक सह राजनीतिज्ञों के कहने पर ही किया गया है वरना डाक्टरों हे हित को देखने वाली की संस्था को अस्पताल मालिकों के हित की क्या पड़ी है। इसके साथ जेवर विधायक के लिखित चिट्ठी को गंभीरता से ले कर निजी अस्पतालों के कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जाँच कराने और सस्ती लोकप्रियता पाने, अख़बार एवं टीवी पर अपना प्रचार पाने के लिए IMA HQ और IMA Noida के पदाधिकारियों पर सख्त कार्यवाही की माँग की है।