टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (27/05/2022): नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर ऐसोसिएशन ने यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरूण वीर सिंह को पत्र लिखकर बताया कि जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के पास में ज्वैलरी पार्क विकसित करने की आवश्यकता है।
पत्र के माध्यम से नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर ऐसोसिएशन महासचिव सुशील कुमार जैन ने यमुना प्राधिकरण के सीईओ के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि
“आत्मनिर्भर भारत” के तहत देश में गुणवत्तापूर्ण वस्तुओं के उत्पादन के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुसरण में और वैश्विक बाजार में प्रमुख हिस्सेदारी हासिल करने के लिए और सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले आभूषणों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए हम आपसे जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के साथ में ज्वेलरी पार्क बनाने का अनुरोध करते है। जहां घरेलू बाजार के लिए और अन्य देशों को निर्यात एवं देश मे निर्मित आभूषण विक्रेताओं के आभूषणो की आपूर्ति के लिये आभूषण का उत्पादन किया जा सके।
भारत में आभूषण पार्क एक बहुत ही आशाजनक और सक्रिय क्षेत्र है जो पर्याप्त राजस्व और सुंदर विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सक्षम है। देश में लगभग 3 लाख जौहरी आभूषण व्यवसाय में लगे हुए हैं, जिनमें से लगभग 50 हजार छोटे और बड़े जौहरियों ने पूरे भारत में 8 लाख से अधिक कारीगरों द्वारा निर्मित आभूषण बनवाए हैं।
नोएडा ज्वेलर्स वैलफेयर ऐसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि विश्व स्तरीय वस्तुओं के उत्पादन के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले आभूषण विकसित करने के लिए, ज्वैलरी पार्क वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा और विदेशी निवेशकों को आमंत्रित करने में सक्षम होगा। देश मे आभूषण विक्रेतायो के लिये देश मे आधुनिक मशीनो से निर्मित आभूषणो की आपूर्ति का बाजार उपलव्ध होगा। भारत में रोजगार और उद्यमिता के दायरे को भी बढ़ाएगा।
ऐसा ज्वैलरी पार्क एक छतरी के नीचे एंड टू एंड ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करेगा। यह सभी सहायक सुविधाओं के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचा, एक कुशल कार्यबल और गुणवत्तापूर्ण आभूषण वस्तुओं के निर्माण के लिए अनुकूल वातावरण भी प्रदान करेगा। यह पार्क बड़े पैमाने पर रोजगार गहन आभूषण क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने के लिए छोटी विनिर्माण इकाइयों और व्यापारियों के लिये व्यापार को कम खर्चो पर तैयार आभूषण उपलव्ध कराने का स्थान बनेगा। साथ ही अपने क्षेत्र को महत्वपूर्ण राजस्व भी मिलेगा।
नोएडा ज्वेलर्स वैलफेयर ऐसोसिएशन चेयरमैन सुधीर सिंधल ने कहा कि आभूषणों के निर्माण में सात चरण की प्रक्रिया होती है जिसमें सोने के कच्चे माल की खरीद, ओवन में सोने को पिघलाना, डिजाइन के अनुसार डाई कटिंग, पॉलिशिंग के लिए कारीगर की भागीदारी, सोने की रिफाइनिंग और अंत में रोडियम पॉलिश शामिल हैं।
आमतौर पर जौहरी छोटे कारीगरों और कामगारों द्वारा अनुबंध के आधार पर आभूषणों के निर्माण को आउटसोर्स करते हैं। ये सुविधाएं एक वर्गीकृत ज्वेलरी पार्क में उपलब्ध हो सकती हैं, सरकार द्वारा नाममात्र दरों पर भूमि उपलब्ध कराई जानी चाहिए और ऐसे पार्कों में एक छत के नीचे संस्थागत वित्त, पैकेजिंग, रसद आदि की सभी सुविधाएं भी उपलब्ध हो सकती हैं।
इसके अलावा, हॉलमार्क और एचयूआईडी सुविधाओं की स्टैंपिंग भी सरकार या एजेंसियों द्वारा उसी ज्वेलरी पार्क में दी जा सकती है जो एक छतरी के नीचे आभूषण निर्माण को एकीकृत करने के लिए एक व्यवहार्य उपकरण के रूप में काम कर सकता है।
हमारा ये भी सुझाव है कि ज्वैलरी सेक्टर में यह अनिवार्य किया जाना चाहिए कि चीन की तरह केवल सरकार द्वारा अनुमोदित मशीनरी का ही उपयोग किया जाए। उक्त नीति के तहत सरकार को कम से कम 100 ज्वैलरी इकाइयों द्वारा एक क्लस्टर के तहत ज्वैलरी मैन्युफैक्चरिंग की अनुमति देनी चाहिए। यह प्रयास क्लस्टर को एक इकाई के रूप में काम करने के लिए सशक्त करेगा जिससे उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी जिससे आभूषणों की कीमतों में काफी कमी आएगी।
अंत में नोएडा ज्वेलर्स वेलफेयर ऐसोसिएशन पदाधिकारियों ने यमुना प्राधिकरण से आग्रह करते हुए कहा कि हमें विश्वास है कि इस सुझाव को आपका अनुमोदन प्राप्त होगा। और इस संबंध मे आपके साथ नोएडा ज्वेलर्स वैलफेयर ऐसोसियेशन से हमारा प्रतिनिधिमंडल वार्ता हेतु मिलकर इस संबंध मे उचित जानकारी उपलब्ध कराएगा।