टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (6 नवंबर 2022): रविवार, 6 नवंबर को नोएडा के सेक्टर -6, गांधी कला केंद्र में “श्री वार्ष्णेय समाज,नोएडा” द्वारा वार्षिक सम्मेलन- 2022 का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ महेश शर्मा, सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री, संस्कृति एवं पर्यावरण ( भारत सरकार ), भाजपा प्रभारी त्रिपुरा; विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर यशवंत गुप्ता निर्देशक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स; तुषार वार्ष्णेय आईआरएस उप. आयुक्त ( कस्टम ) गोरखपुर; डॉक्टर अनुराधा वार्ष्णेय निर्देशक विष्णु हरि कांक्रीट प्राइवेट लिमिटेड कानपुर; सुनील कुमार वार्ष्णेय प्रधान, अखिल भारतीय श्री वैश्य बाहरसैनी महासभा; मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा के रश्मि ने किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ महेश शर्मा ने मंच से सभागार में उपस्थित सभी अतिथियों को संबोधित करते हुए कहा कि ” मेरे बचपन के समय में गांव में एक पुल था जिसकी हालत काफी जर्जर थी, तो सरकार ने एक योजना निकाली की कुछ पैसा समाज के लोगों द्वारा एकत्रित किया जाए और कुछ मदद सरकार द्वारा की जाएगी। ग्रामीणों ने पूरे गांव में चंदा एकत्रित करने का सोचा लेकिन गांव के एक साहुकार ने कहा कि मेरे रहते गांव से चंदा कर और सरकार के सहयोग से पूल बनाया जाए मेरे लिए शर्म की बात है। और उस साहुकार ने उस पुल का निर्माण कराया। समाज में यह यह माना जाता था कि अगर समाज में धर्मशाला बननी है, समाज का कोई सामाजिक काम होता था तो वैश्य समाज को याद किया जाता था, भगवान अक्रूर की वैश्य समाज पर यह कृपा रही है। हम गौरव से कह सकते हैं कि हम उस देने वाले समाज के अंग है ना कि मांगने वाले समाज के अंग है। और देने वाले समाज को मानवता ने इस पूरे समाज ने सदैव आदर और सम्मान दिया है।”
लोकसभा सांसद डॉ शर्मा ने आगे कहा कि “इस समाजिक कार्यक्रम की क्या आवश्यकता थी? हम सभी लोग सक्षम हैं , लेकिन देने वाले समाज को जोड़ने की क्या आवश्यकता पड़ गई।” उन्होंने एक संस्मरण का उदाहरण देते हुए बताया कि ” समाज को जोड़ना क्यों आवश्यक है, जब हमारे घर में बेटी की शादी हो, पिता की मृत्यु हो तो लोग कन्यादान करने क्यों आए और कंधा देने क्यों आए? इसलिए सामाज की आवश्यकता है।”
एक अन्य घटना पर याद करते हुए डॉ महेश शर्मा ने कहा ” कि एक बार मेरे पास कुछ लोग चंदा लेने आए तो मैने कहा कि अवश्य दूंगा, तभी उन्होंने कहा की चंदा वृद्धाश्रम बनाने के लिए देना है तो फिर मैंने ( डॉ महेश शर्मा) साफ मना कर दिया। अगर आप अपने पिता को अपने साथ नहीं रख सकते तो शर्म की बात है।”
आगे डॉ महेश शर्मा ने युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि ” मेरी मां 82 वर्ष की है, मैं मंत्री बन जाऊं या कुछ भी बन जाऊं, आज भी प्रतिदिन अपनी मां के पास बैठकर 1 घंटे बात करता हूं।”
आखिरी में डॉ महेश शर्मा ने युवाओं को समाज के महत्व और संस्कार के विषय में बताते हुए कहा ” मैं इस समाज का कर्जदार हूं, आपलोगो ने बहुत प्यार दिया है”।
टेन न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत करते हुए “श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा” के पदाधिकारी ने श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा द्वारा वार्षिक सम्मेलन- 2022 आयोजित करने के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा कि इस आयोजन के द्वारा हम प्रतिवर्ष अपने समाज को लोगों को एक दूसरे से जोड़ने का कार्य करते हैं। साथ ही अपने समाज की संस्कृति और सभ्यता को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। इस बार का वार्षिक सम्मेलन 2022 स्व. डॉ के डी गुप्ता की स्मृति में किया गया। आगे पदाधिकारियों ने बताया कि महिला के लिए श्री वार्ष्णेय महिला समाज भी है जिसकी सारी पदाधिकारी महिला है जो समाज की महिलाओं के हक और उनके विकास व उत्थान के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा द्वारा वार्षिक सम्मेलन- 2022 में 80 वर्ष के ऊपर बुजुर्गो के साथ साथ वार्ष्णेय समाज में बेहतर कार्य करने वाले नौजवान लोगों को भी सम्मानित किया। साथ ही इस बार 10 वीं और 12वीं में अच्छे अंक प्राप्त करने वाले वार्ष्णेय समाज के विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया। कार्यक्रम में चेतना पत्रिका और श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा के डिजिटल ऐप का लोकार्पण हुआ। जिसका लोकार्पण लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा द्वारा किया गया।
श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा द्वारा वार्षिक सम्मेलन- 2022 में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ देश भक्ति व बालीवुड गानों पर जमकर डांस हुआ। जिसमें हाल में उपस्थित सभी लोग नाचते झुमते नजर आए। साथ ही स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने हेतु स्वच्छता अभियान पर आधारित नाटक भी किया गया।
इस दौरान श्री वार्ष्णेय समाज, नोएडा से संरक्षक डॉक्टर चंचल वार्ष्णेय , अध्यक्ष एडवोकेट सतीश चन्द्र गुप्ता, महामंत्री डॉ के जी वार्ष्णेय, कोषाध्यक्ष खगेश गुप्ता व समस्त वार्ष्णेय समाज उपस्थित ने इस कार्यक्रम को नई ऊँचाई दी और नई पीढ़ी के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया । लगभग 700 विभूतिया इस सामाजिक , सांस्कृतिक और सम्मान कार्यक्रम में शामिल हुई ।