टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (24/11/2022): किसी भी उदित राष्ट्र के विकास में उस देश के कला का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह साझा दृष्टिकोण, मूल्य, प्रथा एवं निश्चित लक्ष्य को दिखाता है। सभी आर्थिक सामाजिक एवं अन्य गतिविधियों में संस्कृति एवं रचनात्मकता का समावेश होता है। विविधताओं का देश भारत अपनी विभिन्न संस्कृतियों के लिए जाना जाता है। भारतीय संस्कृति में कला एवं नृत्य का विशेष और प्रांजल स्थान रहा है। आज भी हमारे समाज में नृत्य-संगीत को उतना ही महत्व दिया जाता है, कि हमारे कोई भी समारोह नृत्य के बिना सम्पूर्ण नहीं होते। भारत के विविध शास्त्रीय नृत्यों की अनवरत शिष्य परंपराएं हमारी इस सांस्कृतिक विरासत की धारा को लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी प्रवाहित कर रही है।
कलाओं को समर्पित सुप्रसिद्ध संस्था फाउंडेशन फॉर कृष्णकला ऐंड एजुकेशन सोयायटी द्वारा जानीमानी कथक नृत्यांगना डॉक्टर अनु सिन्हा के जन्म दिन पर इंटरनेशनल डांस ऐंड म्यूजिक फेस्टिवल सीजन-2 का भव्य आयोजन बुधवार को इंदिरा गांधी कला केंद्र, सेक्टर-6, नोएडा में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ भारतीय कला एवं साहित्य जगत की कई दिग्गज हस्तियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर हुआ ।
जानी-मानी कथक नृत्यांगना एवं फाउंडेशन फॉर कृष्णकला संस्था की अध्यक्षा डॉ अनु सिन्हा ने इस अवसर पर सभी अतिथियों का विशेष सम्मान किया। जिसमें सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मा भूषण राम सुतार, दीपक महाराज ,अभय सिन्हा, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना नंदिनी और टेन न्यूज़ के फाउंडर गजानन माली एवं अन्य अतिथियों का समावेश था ।
अपने स्वागत भाषण में डॉ अनु सिन्हा ने कहा कि भारतीय कला एवं संगीत को बढ़ावा देने के लिए संस्था निरंतर कार्य कर रही है और समय-समय पर हमारी संस्था इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके समाज में अपनी सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ लोगों के मन में राष्ट्र प्रेम जागृत कर रही है।
सुप्रसिद्ध मूर्तिकार पद्मश्री राम सुतार ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि कला से समर्पण भाव से जुड़ने पर मानव राष्ट्र और समाज सेवा के साथ भी जुड़ जाता है। इसलिए कला मनुष्य के जीवन में वो स्त्रोत है जिसके बिना मानव का शरीर तो पूरा हो जाता है लेकिन आत्मा अधूरी रह जाती है।
कार्यक्रम की वरिष्ठ अतिथि कथक नृत्यांगना नंदिनी ने अपनी अद्भुत रचनाओं को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज की तारीख में लखनऊ घराने और जयपुर घराने में भी कोई ज्यादा फर्क नहीं रह गया है। पहले लखनऊ में मुगल शासकों के काल में उनके दरबार में नृत्य प्रस्तुत करने वाले नर्तक और नृत्यांगना को मुगल घराना कहा जाता था, और जयपुर में हिंदू राजाओं के काल में उनके दरबार में नृत्य प्रस्तुत करने वाले नर्तक और नृत्यांगनाओं को हिन्दू घराने अर्थात जयपुर घराने का कहा जाता है। क्योंकि लखनऊ घराना मुग़ल सभ्यता जबकि जयपुर घराना हिन्दू संस्कृति पर आधारित था। पर आज के समय में इस बात में कोई ज्यादा अंतर नहीं है दोनों एक समान है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गौतमबुद्ध नगर के वर्तमान लोक सभा सांसद डॉ महेश शर्मा की OSD वनेजा उन्नीकृष्णन ने डॉ महेश शर्मा के ओर से डॉ अनु सिन्हा को जन्मदिन की हार्दिक बधाई दी। साथ ही उनको उनके जन्मदिन के अवसर पर एक गुलदस्ता और एक भेंट वस्तु भी दी।
दीपक महाराज जी ने अपने गुरु – पिता की पंक्तियाँ प्रस्तुत की। नंदिनी सिंह ने राधा के साथ अन्य गोपियों का प्रसंग सुनाया। महीपाल सिंह ने नंदिनी सिंह के साथ राधा एवं कृष्ण के प्रेम पर आधारित रचना ‘प्रेमगंगा’ का मंचन किया। केंद्रीय विद्यालय रोहिणी दिल्ली के छात्रों ने छटा बिखेरी। सैक्टर 14 नोएडा के स्कूल के छात्रों ने अपने गुरु श्री जे के गुप्ता के मार्गदर्शन में “इंसाफ की डगर पै, बच्चों दिखाओ चलके” बहुत अच्छा गाया।
इस भव्य आयोजन में अनेक जाने-माने एवं उभरते कलाकारों के द्वारा गीत एवं नृत्य प्रस्तुत दी । सर्वश्री वीरेंद्र कुमार, सुशील शर्मा, रामकृष्ण दुबे, गौतम ऋषि, छाया राय, राजीव सिकरवार, राकेश परमार, कैप्टन श्याम कुमार, नूतन , अनुज अग्रवाल, टीवी कलाकार सारिका अग्रवाल, देवेंद्र कुमार मित्तल, शैलेंद्र दुबे, सुमुतंजय झा, पूजा शर्मा ने भी अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इस विशेष अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया, जिसमें कवि सर्वश्री जे पी रावत, बी एल बत्रा, महिपाल सिंह, दिलदार देहलवी, चंचल सिंह, साहित्यकुमार चंचल, आनन्द नारायन, देवेन्द्र शर्मा देव, शायरा नेहा इलहाबादी, शायर ताबिश खैराबादी, अटल मुरादाबादी ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
निर्णायक मंडल के सदस्य अभय सिन्हा, जितेन्द्र ओझा, , सदानंद विश्वास, जया पाठक, दीपमाला नूतन, प्रिया दास, मानवी चतुर्वेदी, निशा रानी, अंशिका भदौरिया, महिमा गुप्ता, मौमिता घोष, सीमा रानी, दीनबंधु दलाई, भाष्कर झा एवं अनिल खींची ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।