पुराना जमाना था जब लोग नए फैशन के इच्छुक होते थे और नए लुक चाहते थे चाहे वो हीरो हेरोइन हो या आम इंसान लेकिन इस ज़माने में कोई महिला किसी पार्टी में जाती है तो मुझे रेट्रो लुक चाहिए यानि की पुराना स्टाइल इसलिए मेरा मानना है की फैशन एक चक्र है जो हर दस या बीस साल में वापिस आता रहता है चाहे वो पोल्का डिज़ाइन हो या बड़े बड़े फूलो का या बड़े जुडो का या स्टाइलिश साड़ी का यह कहना था फैशन डिज़ाइनर कुसुम चोपड़ा का जो ग्लोबल फैशन एंड डिज़ाइन वीक के दुसरे दिन के समारोह में पहुंची और उन्होंने अपने अनुभव छात्रों के साथ बांटे। इस अवसर पर ब्यूटी एंड फैशन एक्सपर्ट भारती तनेजा, नाइजेरियन फैशन डिज़ाइनर जॉन उजे जीसस, चीफ एग्जीक्यूटिव यूरोस्टार प्रसून दीवान, ड्रेस डिज़ाइनर राहुल आनंद व अनुष्का और मिस टूरिज्म इंडिया इशिका तनेजा ने आज के फैशन युग के बारे में परिचर्चा की।
इस अवसर पर मारवाह स्टूडियो के निदेशक संदीप मारवाह ने कहा की आज फैशन सिर्फ महिलाओ की बपौती नहीं है बल्कि पुरुष भी खुद को अच्छा दिखाने के लिए काफी कुछ करते है चाहे वो ड्रेस हो हेयर स्टाइल हो या फिर एक्सेसरीज वो भी महिलाओ से कम नहीं आके जा सकते फैशन में। यदि मैं अपने टाइम पर यह स्टाइल करता तो मेरी माँ मुझे सीधा नाई के पास ले जाती लेकिन आज का युवा वर्ग बहुत आगे की सोच रखता है और यह अच्छी बात है।
जॉन उजे जीसस ने कहा की जब हम नाइजीरिया में इंडियन भारतीय फिल्म देखते है तो यहाँ के कपड़े, मेकअप और डांस अच्छा लगता है यहाँ तक की मेरी माँ और वाइफ इंडियन साड़ी पहनना पसंद करती है।प्रसून दीवान ने कहा की भारतीय आभूषण बहुत लोकप्रिय है और यहाँ के क्लासिक डिज़ाइन का तो कहना ही क्या और मुझे ख़ुशी होती है की यहाँ की महिलाओ को आभूषणों की काफी गहरी समझ है।
भारती तनेजा ने कहा की यहाँ आकर मुझे बहुत अच्छा लगा और यहाँ के छात्रों की ड्रेस देखकर और भी अच्छा लगा की वो किसी भी फैशन आइकॉन से कम नहीं है।
इशिका ने कहा की आज का युवा एक ही स्टाइल में बंध के नहीं रह सकता वो जितनी जगह जाता है नयी तरह की ड्रेस पहनना पसंद करता है।
इस अवसर पर फैशन के छात्रों द्वारा बनायीं गयी आर्टिफीशल ज्वेलरी की भी प्रदर्शनी लगाई गयी जिसे सभी ने बहुत पसंद किया साथ ही फैशन शो का भी आयोजन किया गया।