नॉएडा – देश भर में आर्थिक अपराध लगातार बढ़ रहे हैं और इससे जुडी शिकायतों का अम्बार आरबीआई के पास बढ़ता जा रहा है ,जिसका निस्तारण भी उन्हें मुश्किल हो रहा है , ऐसे में सरकार को कोई न कोई उपाय ढूंढने पड़ेंगे जिनसे जनता को राहत मिले , समाजसेवी और अधिवक्ता श्री रंजन तोमर की एक आरटीआई द्वारा कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं , गौरतलब है की श्री तोमर ने आरबीआई से पूछा था की पिछले पांच वर्षों में बैंकिंग ओम्बड्समैन स्कीम के तहत आरबीआई को कितनी शिकायतें प्राप्त हुई और उनमें से कितने का निस्तारण हो पाया , इसके जवाब में आरबीआई ने अप्रैल 2021 से मार्च 2022 वित्तीय वर्ष के बीच की जानकारी साझा की जिसके अनुसार इस एक वर्ष में 183887 शिकायतें प्राप्त हुई जिसमें से 69245 का निस्तारण ही आवश्यक धाराओं के अनुसार हो पाया , जो की कुल शिकायतों का मात्र 38 (लगभग ) प्रतिशत ही है , इसके बाद एक चौंकाने वाला आंकड़ा अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक का ही है , जिसे मात्र 8 माह की अवधि में लगभग पिछले वित्त वर्ष जितनी शिकायतें आरबीआई को प्राप्त हुई जिसकी कुल संख्या 170480 है , इसमें से अबतक निस्तारित शिकायतों की संख्या 27405 ही है जो कुल शिकायतों का कुल 16 प्रतिशत ही है , यह जानकारी विचलित करने वाली हैं , नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक अभी कुल शिकायतों का नंबर बढ़ेगा , और निस्तारित शिकायतों का प्रतिशत बढ़ना बेहद मुश्किल लग रहा है।
अपराधों और शिकायतों के बढ़ने में मात्र आर्थिक अपराधी ही नहीं बल्कि बैंक मैनेजर भी ज़िम्मेदार
श्री रंजन तोमर का कहना है कि बढ़ती शिकायतों के लिए बैंक मैनेजर भी उतने ही दोषी है जितने की आर्थिक अपराधी जो समस्याओं का निस्तारण अपने स्तर [पर नहीं कर पाते , कई बार मैनेजर ही भ्रष्ट होते हैं और पैसे देकर बिना पुरे कागज़ों के लोन आदि दे देते हैं। आर्थिक अपराध भी लगातार बढ़ रहा है , इसके लिए सरकार और आरबीआई को कोई नई नीति बनानी होगी जिससे समस्यायों का निस्तारण तो हो ही अपितु समयायें आरबीआई से पहले ही निस्तारित हो सकें।