टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (08 फरवरी 2023): पी.एस. जैन की अध्यक्षता में कोनरवा नोएडा चैप्टर के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश सरकार में लोक कल्याण राज्य मंत्री कुंवर ब्रजेश सिंह से मिलकर शहर के मुख्य पांच समस्याओं पर दीर्घकालीन योजना बनाकर कार्य करने हेतु ज्ञापन सौंपा। लोक कल्याण राज्यमंत्री ने सभी समस्याओं को पूर्ण ध्यानपूर्वक एवं गहनता से सुना और जल्द से जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रतिनिधि मंडल में वी.वी. बलेचा, किरण भारद्वाज, लोकेश कश्यप, हर्ष चतुर्वेदी, सुष्मिता चक्रवर्ती शामिल रहे।
ज्ञापन में मुख्य रूप से इन बिंदुओ का उल्लेख
• शुद्ध पेयजल व्यवस्था के संबंध मेंः नोएडा को स्थापित हुऐ 46 वर्षों से अधिक होने के बाद भी नोएडा प्राधिकरण पीने योग्य पानी की आपूर्ति करने में पुर्णतः सफल नहीं रहा है। यदपि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा लगभग ढाई दशकों/25 वर्ष पूर्व शत प्रतिशत ट्रिटिड़ शुद्ध पेयजल आपूर्ति के निर्देश दिये गये थे। परन्तु प्राधिकरण द्वारा इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नही की गई है। प्राधिकरण के पास पर्याप्त संसाधन होने के उपरान्त भी ठोस कार्यवाही न करना प्राधिकरण द्वारा इस ओर ध्यान नही दिया जा रहा है। जहां तक पूंजी (धन राशी) का प्रश्न है वह प्राधिकरण के पास पर्याप्त है, क्योंकि प्राधिकरण के द्वारा योजनाओ पर कई कई सौ करोड़ रूपये खर्च किय जाता है तथा दूसरे अन्य विभागो को कई हजार करोड़ रूपये उधार दिए जाते रहे है। तथा अन्य बाहरी योजनाओ में भी हजारों करोड़ रूपये इनवेस्ट कर रखे है।
• पानी की मात्रा को बढ़ाने के लिए: पानी की उपल्बधता बढ़ाने के लिए रेनीवेल व टयूबवेल के पाईप में नीचे लगे फिल्टरो पर लगी फिल्टर जाली की सफाई कर फिल्टर के ऊपर जाली बदल दी जाऐ जिससे रेनीवेल व टयूबवेल से पानी की उपल्बधता अधिक होगी जिससे गंगा वाटर की स्पलाई न होने पर वहॉं से अधिक पानी लिया जा सकेगा तथा रिजर्व टैंक भर कर टंकी के माध्यम से स्पलाई सुनिश्चित की जा सकेगी। इसकी भी कोई निश्चित योजना नही बनाई गई है। जिससे कारण व शिघ्र खराब हो जाते है।
• भूगर्भ से जल की उपल्बधता के समबंध में (वाटर की हार्वेस्टिंग): संस्था द्वारा काफी समय से यह मांग की जा रही है। भूमि का जल स्तर दिन प्रति दिन कम हो रहा है। जिसके लिए वाटर की हार्वेस्टिंग की दूरगामी योजना बना कर सुचारू रूप से क्रियान्वित करवाई की जानी चाहिए। जिसके लिए संस्था का सुझाव है कि सर्वप्रथम सभी सरकारी प्रतिष्ठानों, प्रशासनिक कार्यालयों, कॉरपोरेट ऑफिस, आई.टी.ऑफिस, कम्युनिटि सेन्टर, मेरिज होम, सरकारी बंगले, कॉलेज, स्कूल, विश्वविद्यालय, हाउसिंग सोसाईटिज, माल, पार्क, स्टेड़ियम, बस टर्मिनल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि में क्षेत्रफल के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग कराये जाने चाहिए जिसको कराना सीधे तोर पर सरकारी व प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ में है। जिस से काफी वाटर हार्वेस्टिंग होगा।
• शहर के बड़़े नालों की सफाई: शहर के बड़े नालों की सफाई प्रत्येक वर्ष विलंब से शुरू होती है। तथा बरसात शुरू होने के उपरान्त भी 50 प्रतिशत कार्य शेष रह जाता है। जबकि ठेका पूरा कार्य को समय से करने के लिए दिया जाता है। बरसात के समय में की गई सफाई से जो कचरा निकाला जाता है। वह बरसात में पुनः नालो व नालियों में चला जाता है। इस प्रकार केवल धन की बर्बादी होती है। इसके लिए दुरगामी योजना स्थाई रूप से बनाई जाऐ जिसमें नालो की मरम्मत अन्दर व बाहर से, नालो की बाउन्डरी वाल की मरम्मत, नालो के अन्दर ढलान व नालो के ऊपर से कुड़ा नालो में न गिरे इसके लिए योजना बनाई जानी चाहिए, जिससे प्रति वर्ष यह समस्या न खड़ी हो।
• जल भराव के समबंध में: शहर में प्रत्येक वर्ष अनेक सैक्टर जैसे 19,27,11,12,18,20,22,26,28,33,34,36,37,55,57,62,63,65,66,67,125 तथा अधिकाशतः अन्डर पास में प्रतिवर्ष जल भराव होता है। इसका एक कारण यह भी है कि सड़को का ढलान सही नही है, तथा नालियां बंद पड़ी है। क्योंकि नालियों पर अतिक्रमण किया हुआ है, जिसके लिए कई सालो से प्राधिकरण को बताया जा रहा है। परन्तु इस और कोई ध्यान नही दिया जाता है। इस के चलते शहर की जनता को अनेको क्षेत्र में जल भराव का समाना करना पड़ता है।
उपरोक्त सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हुए लोक कल्याण राज्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द इन सभी समस्याओं पर कार्यवाही की जाएगी।।