टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (22/05/2023): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का आदेश पारित किया है। जिसके बाद आम लोगों से लेकर बड़े उद्यमियों और राजनीतिक पार्टियों में हलचल मच गई है। RBI की ओर से जारी आदेश में 2000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन पर रोक लगाई गई है साथ ही जिन लोगों के पास 2000 रुपये के नोट है वह अपने नजदीकी बैंक में जाकर 23 मई से 30 सितंबर तक एक दिन में 20 हजार रूपए बदल सकते हैं। वहीं 2000 के नोट पर रोक लगने के आरबीआई के इस फैसले के बाद आम लोगों से लेकर राजनीतिक पार्टियां तक इसपर लगातार चर्चा कर रही है और अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दे रही है। ऐसे में टेन न्यूज नेटवर्क की टीम गौतमबुद्ध नगर जिले के व्यापारी और उद्यमियों से इस मुद्दे पर खास बातचीत की।
NEA के प्रेसिडेंट विपिन मल्हन ने 2000 के नोटों को सरकुलेशन से बाहर करने पर टेन न्यूज नेटवर्क के साथ टेलिफोनिक बातचीत में कहा कि सरकार जब भी कोई फैसला लेती है तो वह देशहित में ही लेती है। 2000 के नोट बंद होने से मार्केट में कोई ज्यादा इसका असर देखने को नहीं मिलने वाला है क्योंकि अगर हम बात करंसी की करें तो मार्केट में 90 परसेंट नोट 10, 20, 50, 100 और 500 के और केवल 10 परसेंट नोट 2000 के। ऐसे में 10 परसेंट करेंसी यानि 2000 के नोटों पर रोक लगने से कोई इतनी बड़ी परेशानी नहीं होगी। वैसे भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए छोटे नोट ही अच्छे हैं। क्योंकि जितने छोटे नोट होंगे उतना ही कम देश में भ्रष्टाचार होगा।
टेन न्यूज नेटवर्क के साथ टेलिफोनिक बातचीत में आईआईए महासचिव संजीव शर्मा ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने के आदेश पर कहा कि यह फैसला बिल्कुल भी सही नहीं है। 2000 के नोटों के बंद होने की खबर सामने आने के बाद लोगों में अफरातफरी मच गई है। आज कोई भी आम व्यक्ति से लेकर व्यापारी तक 2000 का नोट नहीं ले रहा है। वहीं बैंकों में लाइन लगी हुई और बैंकों में 2000 के नोटों को बदलने में लोगों का पूरा दिन निकल रहा है। एक तो पहले ही 2000 का नोट बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है और दूसरी ओर अगर लोगों को बैंक में नोट बदलने में पूरा दिन का छुट्टी करनी पड़ रही हैं और तो क्या सरकार लोगों छुट्टी का हर्जाना देगी।
आगे उन्होंने कहा कि 2000 के नोटों पर पाबंदी सबसे ज्यादा व्यापारी, घरेलू महिलाएं और जिन लोगों के परिजनों हास्पिटल में भर्ती उनको भारी पड़ रही है। क्योंकि व्यापारी का कैश में व्यापार होता है, महिलाएं भी घर में बचत कर पैसा जमा कराती है और साथ ही लोग आपातकालीन परिस्थितियों के लिए पैसा जमाकर घर में रखते है जो लोग भी जमा करते हैं वह मुख्य 2000 के नोट ही करते हैं ऐसे में 2000 के नोटों पर पाबंदी अनुचित लग रहा है और 2000 के नोट पर पाबंदी किसी भी समस्या का समाधान नहीं है इससे केवल लोगों को परेशानी ही होगी।
सुशील कुमार जैन महासचिव नोएडा ज्वेलर्स वैलफेयर एसोसिएशन ने टेन न्यूज नेटवर्क के साथ खास बातचीत में 2000 के नोटों के सरकुलेशन से बाहर पर कहा कि 2000 के नोटों की नोटबंदी नहीं हुई है इस 2000 के नोटों का एक्चेंज किया जा रहा है। नोट बदलने के लिए लंबा समय दिया है ताकि लोगों को 2000 के नोट बदलने में परेशानी ना हो। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 2000 की मुद्रा को प्रचलन से बाहर किये जाने की घोषणा के बाद नोएडा ज्वैलर्स वैलफेयर एसोसिएशन के सभी सदस्य व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि आपके प्रतिष्ठान में अगर ग्राहक जेवर लेने आया है तो पेमेंट में 2000 का नोट आप निसंकोच स्वीकार कर सकते हैं किन्तु कुछ सावधानीपूर्वक व्यवहार ज़रूरी है-
जैसे कि जो ग्राहक 2000 के नोटों में कैश पेमेंट कर रहा है 50 हजार से 2 लाख के अंदर तो भुगतान बिल में नाम पते के साथ हस्ताक्षर अवश्य करवा ले। ग्राहक का आधार और पेन कार्ड की फोटो कॉपी अवश्य लें। बिल पर प्राप्त 2000 के नोटों की संख्या अवश्य अंकित करें। बैंक एकाउंट्स में 2000 के जितने नोट जमा किये है बैंक से प्राप्त रसीद को ध्यान से जांचे।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद ₹2000 के नोटों का सर्कुलेशन जारी किया गया था। साथ ही मिली जानकारी के मुताबिक आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018-2019 के बाद ₹2000 के नए नोट छापना बंद कर दिया था। और अब आरबीआई ने शुक्रवार को 2000 के नोटों के सरकुलेशन से बाहर करने का आदेश पारित किया है।।