टेन न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा (22 जून, 2023): अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश ही नहीं दुनियाभर में पूरे जोश के साथ योग दिवस मनाया गया। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, सेक्टर- 62 नोएडा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग से संबंधित भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रि. मेजर जनरल प्रवीण महाजन उपस्थित रहे। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में गेस्ट ग्रीन मैन ऑफ इंडिया विजय बघेल उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में इंडस्ट्रियल एंटरप्रेन्योर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमित उपाध्याय, टेन न्यूज के संस्थापक गजानन माली, और योगाचार्य संतोष राय भी मौजूद रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और मां सरस्वती की वंदना के साथ हुई। यूपीआईडी के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण पचोरिया ने अपने संबोधन में कहा कि संस्थान में 30 दिन तक योग से संबंधित value-added course का आयोजन किया गया। जीवन की शुरुआत ही योग के साथ होती है, सबसे शुरुआत में बच्चा 1 और 1 मिलकर 2 होता है, यही उंगलियों पर गिनना सीखता है। अर्थात यदि शिक्षा की शुरुआत की बात की जाए तो वह योग से ही होती है। उन्होंने योग की आठों सीढ़ियों का परिचय दिया जो इस प्रकार हैं, यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि यानी चित्त को समाधि तक ले जाने की प्रक्रिया को ही योग कहा जाता है। आगे उन्होंने कहा कि आज के परिपेक्ष्य में आनंद की अनुभूति हम चाहते हैं, वह हम सिर्फ समाधि को प्राप्त करके ही कर सकते हैं। योग में हर सीढ़ी का अपना एक महत्व है यदि पहली सीढ़ी पर कोई गलती कर दी जाए तो आगे बढ़ना कठिन हो जाता है। वे शास्त्रों का उदाहरण देते हुए कहते हैं कि शरीर मन बुद्धि और अहंकार चारों शांत नहीं होंगे तब तक आप आनंद का अनुभव नहीं कर सकते।
कार्यक्रम में विजय बघेल भी मौजूद रहे, जिन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि तन और मन के साथ योग जरूरी है, लेकिन एक तीसरा शब्द जो हमें नहीं भूलना चाहिए वह है वन। उन्होंने बताया कि योग करने के लिए भी एक स्वच्छ पर्यावरण की आवश्यकता होती है इसीलिए सर्वप्रथम हमें पर्यावरण को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि हर पीढ़ी अपने साथ एक नई जरूरत को साथ लेकर आती है और आज जिस तरह हमें अपने साथ पानी की बोतल को हमेशा रखना पड़ता है उसी प्रकार आने वाले समय में ऑक्सीजन सिलेंडर को साथ रखना होगा।
कार्यक्रम में मौजूद योगाचार्य संतोष राय ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें पेड़ लगाने की आवश्यकता क्यों पड़ती है, क्या धरती पर पेड़ कम है, पेड़ लगाने की आवश्यकता हमें इसीलिए पड़ती है क्योंकि हमारी इच्छाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जिस दिन हम अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण कर लेंगे उस दिन पर्यावरण अपने आप सही हो जाएगा। आज हमें तन के स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पतंजलि के अनुसार भी चित्त की व्रति का निरोध ही योग कहलाता है। योगाचार्य ने आगे कहा कि शरीर बल, बुद्धि, हृदय और आत्मा हमें सभी के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा तभी जाकर हम समूचे स्वास्थ्य को स्वस्थ बना सकते हैं। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो पर्यावरण के नुकसान के लिए जिम्मेदार है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रि. मेजर जनरल प्रवीण महाजन ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि हमें हमेशा किसी और से कुछ नया सीखने की कोशिश करते रहना चाहिए। उन्होंने यूपीआईडी के द्वारा आयोजित 1 महीने के योग पर आधारित वैल्यू ऐडेड कोर्स की सराहना करते हुए आगे भी 5 से 10 मिनट के लिए विद्यार्थियों के लिए योग और ध्यान से संबंधित क्रियाओं का आयोजन प्रति दिन किया जाए। आज के समय में बच्चों के सामने काफी समस्याएं खड़ी है और योग इन समस्याओं को समाप्त करने में अपनी अहम भूमिका निभा सकता है। आगे उन्होंने कहा कि असफलता हाथ लगना भी एक अच्छी बात है क्योंकि जो तपता है वही लिखता है। यदि किसी को कोई चीज प्लेट में रखी हुई मिल जाएगी तो वह ज्यादा लंबी रेस का घोड़ा नहीं हो सकता है। उन्होंने अपने ट्रीहाउस में रहने के अनुभव को भी सभागार के साथ साझा किया साथ ही अपने अनुभव के बीच यह बताया कि हमारे समाज के आदिवासी वर्ग की जरूरत बहुत ही कम है और उनकी प्रकृति के लिए किए गए कार्य सराहनीय एवं प्रशंसनीय हैं।
कार्यक्रम में यूपीआईडी द्वारा ‘करकमलम’ मैगजीन के प्रथम संस्करण का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। इस करकमलम पत्रिका का अनावरण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रि. मेजर जनरल प्रवीण महाजन ने किया।।