नोएडा – बिल्डरों के दिन काफी गर्दिश में चल रहे है निवेशकों के बाद अब ठेकेदारों ने भी बिल्डरों पर हमला बोल दिया है ठेकेदारों का कई करोड़ रुपये बकाया है बिल्डरों पर , जिसकी की वजह से ठेकेदारों के सामने रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है , शहर में स्थित एक निर्माणाधीन मॉल के मालिक पर कई दर्जन ठेकेदारों ने लगभग 3 करोड़ रुपयों का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए एसएसपी कार्यालय पहुंचकर मामले की शिकायत की पीड़ितों का कहना है कि दो सप्ताह पूर्व पुलिस ने मॉल मालिक को वार्ता के लिए बुलाया था। इसके बावजू मॉल मालिक पुलिस से बातचीत करने में आनाकानी कर रहा है। वहीं, आम्रपाली बिल्डर के कर्मचारियों ने छह माह से अधिक का वेतन रोके जाने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी कार्यालय में शिकायत की है।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लगभग 30 ठेकेदार एसएसपी कार्यालय अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। इनमें बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग स्थानों के लोग शामिल थे। उन्होंने कहा कि शहर में बन रहे एक मॉल पर उन्होंने निर्माण कार्य कि या था। काम की एवज में मॉल मालिक पर उनका लगभग 3 करोड़ रुपया बकाया है। रकम नहीं मिलने से वह लेवर का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं और उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मॉल मालिक से मुलाकात के दौरान बदमाशों से पिटाई अभद्रता कराता है। एक पीड़ित ठेकेदार के अनुसार आरोपी मॉल मालिक पर उसका लगभग 14 लाख बकाया है, जिसकी एवज में आरोपी मॉल मालिक मात्र एक लाख रुपया लेकर समझौता करने की बात कहते हुए भुगतान दस्तावेज पर जबरन हस्ताक्षर करा लिये। पीड़ितों ने बताया कि बीती 1 मई को एसएसपी ने सी ओ ग्रेटर नोएडा प्रथम अभिनंदन सिंह को मामले की जांच सौंपी थी। सी ओ ने मॉल मालिक को अपने कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन आज तक आरोपी सी ओ से मुलाकात के लिए नहीं पहुंचा। इस संबंध में सीआे प्रथम अभिनंदन सिंह का कहना है कि आरोपी मॉल मालिक को चेतावनी दे दी गई है। यदि ठेकेदारों से जल्द वार्ता कर भुगतान नहीं किया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त शुक्रवार को ही आम्रपाली बिल्डर के एक दर्जन सेे अधिक कर्मचारी कलेक्ट्रेट पर पहुंचे। उन्होंने बिल्डर पर पिछले छह माह से अधिक समय से दो सौ से अधिक कर्मचारियों का वेतन नहीं देने का आरोप लगाया पीड़ित भगत सिंह सहित कई कर्मचारियों ने बताया कि पिछले छह माह सेे अधिक समय से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा। कुछ कर्मचारियों को आठ माह का वेतन नहीं दिया गया। इससे 200 कर्मचारियों के परिवार पर रोजी रोटी का संकट है। वेतन नहीं मिलने के कारण उन्होंने 12 मई को काम छोड़ दिया है।