टेन न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा (12 अक्टूबर 2023): Joint Monitoring Program के तहत United Nation International Children’s Emergency Fund (UNICEF), World Health Organisation (WHO), Department of Drinking Water & Sanitation (DDWS) एवं आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार (MoHUA) के द्वारा नोएडा क्षेत्र के Sustainable Development Gouls (SDGs) का निरीक्षण किया गया। संयुक्त टीम द्वारा नोएडा क्षेत्र के कई कार्यों का निरीक्षण किया गया।
सेक्टर-94 स्थित Integrated Command Control Center (ICCC) के अन्तर्गत संचालित Digital Monitoring System के द्वारा हो रहे शहर की साफ-सफाई, कूड़ा निस्तारण, डोर टू डोर कूड़ा एकत्रीकरण की लाइव ट्रैकिंग, स्वच्छताकर्मियों की उपस्थिति, शौचालयों की साफ-सफाई की ऑनलाईन मॉनीटरिंग, मैकेनिकल स्वीपिंग की लाईव ट्रैकिंग के कार्य देखे गये।
सैक्टर-94 स्थित Integrated Security & Traffic Management System (ISTMS) के अन्तर्गत संचालित Environment Monitoring System से हो रहे शहर में प्रदूषण की निगरानी का निरीक्षण, शहर के अन्तर्गत संचालित वाहनों की निगरानी एवं सर्विलांस कैमरों के माध्यम से शहर के विभिन्न चौराहों की सफाई व्यवस्था की मॉनीटरिंग के कार्यों का निरीक्षण किया गया।
ICCC एवं ISTMS के निरीक्षण के उपरान्त UNICEF, WHO, DDWS एवं आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार (MoHUA) की संयुक्त टीम द्वारा नौएडा क्षेत्र के पिंक शौचालयों एवं पब्लिक शौचालयों का निरीक्षण किया गया। टीम द्वारा निरीक्षण में शौचालयों की साफ-सफाई, फीडबैक सिस्टम Sanitary Pad Machine इत्यादि व्यवस्थाओं का गहनता से निरीक्षण किया गया।
शौचालयों के निरीक्षण के उपरान्त UNICEF, WHO, DDWS एवं आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार (MoHUA) की संयुक्त टीम द्वारा सैक्टर 54 स्थित Sequential Batch Reactor (SBR) Technology पर आधारित Sewage Treatment Plant (STP) का संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया, जिसमें सीवेज शोधक संयन्त्र PLC & SCADA द्वारा संचालित किया जा रहा है व रियल टाईम मॉनीटरिंग सिस्टम द्वारा CPCB की वेबसाईट से समायोजित किया गया है। सीवेज शोधक संयंत्र की Capacity 33 5487 MLD है जिसमें 70 MLD सीवेज का शोधन किया जा रहा है। शोधित जल की गुणत्ता को दृष्टिगत रखते हुए 20 से 40 प्रतिशत शोधित जल का उपयोग बोटेनिकल गार्डन स्टेडियम, ग्रीनबेल्ट, गोल्फकोर्स, प्रदूषण नियंत्रण हेतु मार्गों पर शोधित जल का छिड़काव, अग्निशमन वाहनों इत्यादि में उपयोग किया जा रहा है।।