नोएडा – हिन्दू मुस्लिम की एकता को बरक़रार रखने के लिए दोनों धर्मो के लोगो ने एक दूसरे को किडनी देकर अपने लोगो की जान बचाई। और एक मिशाल भी पेश की। समाज के कुछ अराजक तत्व भले ही ¨हदू-मुस्लिम के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम करते हों, लेकिन एक ¨हदू व एक मुसलमान महिला ने एक दूसरे के पति की जान बचाकर एकता की अद्भुत मिसाल पेश की है। जेपी अस्पताल में भर्ती दोनों महिलाओं के पति को किडनी की जरूरत थी, लेकिन दोनों की किडनी अपने पति के ग्रुप से मैच नहीं कर रही थी। इसके बाद दोनों महिलाओं ने एक दूसरे के पति को अपनी किडनी दान करने का सराहनीय फैसला ले डाला।
ये दोनों महिलाएं भले ही विपरीत धर्म से थीं, लेकिन वह न तो ¨हदू बनना चाहती थीं और न ही मुसलमान। ऐसे मौके पर वह सिर्फ इंसान बनना चाहती थी। आखिरकार उन्होंने इंसानियत की बड़ी मिसाल पेश की। ग्रेटर नोएडा निवासी 29 वर्षीय मरीज इकराम को बागपत निवासी 36 वर्षीय मरीज राहुल की पत्नी पवित्रा ने एवं राहुल को इकराम की पत्नी रजिया ने अपनी किडनी दान की।
इन मरीजों का ऑपरेशन किडनी प्रत्यारोपण विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अमित देवड़ा, डॉ. मनोज अग्रवाल, डॉ. अब्दुल मनन एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल भट्ट, डॉ. भीम राज, डॉ. हारूल की टीम ने किया। डॉक्टरों ने महिलाओं को इस तरह किडनी दान करने को भी प्रेरित किया।