नोएडा असफलता हमे सफलता की नई रोशनी देती है आज के इस शार्ट डिजिटल फिल्म फेस्टिवल में जिन स्टूडेंट्स की फिल्मे नहीं चुनी गयी है वो निराश न हो बल्कि अपनी कमियों को समझ और अच्छा करने की कोशिश करे तो वो आसमान की बुलंदियों को छू सकते है यह कहना था 94 वें शार्ट डिजिटल फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन करने आये मोटिवेटर ईसाक एंथोनी का, जिनका खुद का जीवन बहुत संघर्षपूर्ण रहा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वो दुसरो के लिए प्रेरक बने हुए है। इस समारोह में कई गणमान्य अतिथि भी पहुंचे जिसमे समाजसेवी सत्यभूषण जैन, फिल्म मेकर माइक बैरी, पार्षद अंजू कमल कांत, प्रफुल्ला केटकर, रॉयल कॉमनवैल्थ सोसाइटी के प्रेजिडेंट हरी ओम दहिया, उड़ान संस्था के फाउंडर अरुण अरोड़ा और एडुकेशनिस्ट डॉ वीं. के गोस्वामी।
समाजसेवी सत्यभूषण जैन ने कहा की शार्ट डिजिटल फिल्म फेस्टिवल अपने आप में एक ऐसा फेस्टिवल है जिसमे आप अपनी कल्पनाओ को चंद मिनटों में समेट कर उसे फिल्मी जामा पहना सकते हो साथ ही नई तकनीक भी सीख सकते हो।
माइक बैरी ने कहा की को जो भी फिल्मे यहाँ दिखाई गयी है काफी प्रेरक तो है ही साथ ही आज की समस्याओ को भी उजागर करती हैं। संदीप मारवाह ने कहा की आज मुझे बहुत ख़ुशी है की हम धीरे धीरे करके अपने 100वे फिल्म फेस्टिवल की तरफ बढ़ रहे है और यह हमारी बहुत बड़ी कामयाबी है इस फेस्टिवल में इस बार सौ से ज्यादा फिल्मो ने एंट्री ली जिसमे से हमने बेस्ट पांच फिल्मो को चुना है और स्क्रीन पर दिखाया जो कहानी, तकनीक व स्क्रीनप्ले की वजह से बेहतरीन थी, जैसे निर्देशक बर्नार्ड कंटोफर की फैंटम, शारंग थापलियाल की 15 मिनट्स, अभिषेक चौधरी की दिल्ली रिज एंड रिवोल्ट ऑफ़ 1857, करण चौधरी की ट्रिगर्ड और काजोल तिवारी की वन मोर जेंडर।
अंत में आये हुए सभी अतिथियों को संदीप मारवाह ने इंटरनेशनल फिल्म एंड टेलीविजन क्लब की आजीवन सदस्यता प्रदान की।