नोएडा – मोरना गांव में छेड़छाड़ के विरोध में किशोरी को पहली मंजिल से फेंकने के मामले में पुलिस दो युवकों को थाना सेक्टर-24 पुलिस ने सिटी सेंटर के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। दोनों की पहचान टीकम राघव और रोहित राघव निवासी चीमनपुर, चंडौस अलीगढ़ के रूप में की है वहीं घटना के बाद से कोमा में किशोरी की हालत गंभीर है। उसे नाक के रास्ते तरल खाद्य पदार्थ दिया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने जिन दो युवकों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने ऐसा क्यों किया इस बारे में पुलिस अब तक उनसे इसका कारण उगलवा नहीं सकी है। वहीं गिरफ्तारी के बाद फेंके जाने के कारण का खुलासा न होने पर पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
मालूम हो कि समस्तीपुर बिहार का रहने वाला परिवार मोरना गांव में पिछले 20 साल से परिवार के साथ किराये पर रहता है। परिवार में पति पत्नी के अलावा तीन बेटी और तीन बेटे हैं। पीड़ित पिता इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाते हैं। उन्होंने बताया कि बीती 19 मई की रात परिवार के साथ दूसरी मंजिल पर सो रहे थे। उनकी 17 वर्षीय बड़ी बेटी रात 12.20 बजे बाथरूम करने के लिए गई थी। वह रात 1.00 बजे घर के सामने सीढिय़ों के पास घायल अवस्था में मिली। उन्होंने नोएडा और दिल्ली के कई अस्पतालों में इलाज कराया।
सीसीटीवी कैमरे से हुआ था खुलासा: परिवार को लगा कि बेटी का पैर फिसल कर गिर गई है लेकिन जब 14 जून को उन्होंने सामने के घर में लगे सीसीटीवी फुटेज देखा दो उन्हें पता चला कि टीकम और रोहित ने उनके बेटी को पहली मंजिल से फेंक दिया था। उन्होंने कोतवाली सेक्टर-24 में दोनों के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। कर्ज लेकर हो रहा है इलाज: किशोरी के परिजन कर्ज लेकर बेटी की दवा करा रहे हैं। अभी तक बेटी के इलाज में 8.50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। परिवार की स्थिति यह है कि अब उनके पास खाने के लिए भी रुपये नहीं हैं। पीड़ित पिता ने बताया कि उनके दो अन्य बेटी और तीन बेटे हैं।