नोएडा : मेडिकल साइंस में बाईपास सर्जरी को अत्यधिक जोखिम भरा माना जाता है और 75 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे मरीज जिनमें कई चिकित्स्कीय समस्याएं हो, उनमें कई वर्षों पहले तक बाईपास सर्जरी के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था। लेकिन डॉक्टर वैभव मिश्रा के नेतृत्व में फोर्टिस हॉस्पिटल नोएडा में कार्डियक सर्जरी की टीम ने पिछले 2 महीनों के दौरान 72 से 82 वर्ष की आयु समूह के 20 से अधिक मरीजों में जीवन रक्षक बाईपास सर्जरी की है जो अपने आप में एक अनूठी उपलब्धि है
दरअसल 75 वर्षीय मोहम्मद हाफिज खान को बोन मैरो में एक जटिल समस्या थी, जिसकी वजह से वह गंभीर रूप से एनीमिया और लो प्लेटलेट की समस्या से पीड़ित थे। मामले को और भी गंभीर बनाने के लिए उन्हें गंभीर रूप से किडनी की बीमारी और कोरोनरी आर्टरियों के ब्लॉक होने की समस्या थी। सफल बाईपास सर्जरी के बाद मोहम्मद हफीज खान ऑपरेशन के 10 दिनों के भीतर अपने सामान्य जीवन में लौट आए, जो कि उम्र और बीमारियों को देखते हुए अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है।
इसी तरह के एक अन्य मामले में 73 वर्षीय रमेश परवानी को कई वर्षों पहले ब्लॉकेज का पता चला लेकिन कई अन्य लोगों की तरह उन्होंने भी इसे ठीक ना करने का फैसला किया। आखिरकार एक अन्य हार्ट अटैक की वजह से उन्हें हॉस्पिटल जाना पड़ा। उस वक़्त उनका हार्ट सिर्फ 30 फ़ीसदी तक काम कर रहा था। उनके हार्ट मदद देने के लिए एक कांपलेक्स डिवाइस IABP को लगाया गया। इसके बाद एक आपातकालीन सीएबीजी के लिए ले जाया गया। परवानी की सर्जरी सफल रही और 7 दिनों के भीतर वह अपने घर में अपना सारा काम करने लगे।