नॉएडा शहर में करीब सप्ताह भर से चल रही मां दुर्गा की पूजा के बाद शनिवार को मूर्तियों का विसर्जन कर दिया गया। इस मौके पर सैकड़ों श्रद्धालु यमुना किनारे इकट्ठा हुए और प्रतिबंध के बावजूद यमुना में मूर्तियों का विसर्जन किया। जिला प्रशासन से लेकर किसी भी सामाजिक संस्था ने एनजीटी के आदेश के पालन की कोशिश नहीं की। वहीं, दशहरे के अवसर पर जगह-जगह पूजा पंडाल में सिंदूर खेला का आयोजन किया गया। इसके बाद लोगों ने ढोल-नगाड़ों के साथ मां को विदा किया। सेक्टर-26 स्थित कालीबाड़ी मंदिर में महिलाओं ने बंगाली नृत्य प्रस्तुत किया। नोएडा बांग्ला कल्चरल
असोसिएशन के सेक्रेटरी रजत बनर्जी ने बताया कि यहां करीब डेढ़ घंटे तक महिलाओं ने सिंदूर खेले। उसके बाद शाम 4 बजे कालिंदी कुंज घाट पर मां की मूर्ति का विसर्जन किया गया। सेक्टर-82 के उदयन क्लब की मेंबर अनीषा देब ने बताया कि सुबह 10 बजे सिंदूर खेला शुरू हुआ इसके बाद मां की प्रतिमा को विसर्जन के लिए तैयार किया गया। दोपहर 2 बजे कालिंदी कुंज यमुना किनारे मां की मूर्ति का विसर्जन किया गया। सेक्टर-61 स्थित बलाका दुर्गोत्सव में सिंदूर खेला होने के बाद दोपहर 3 बजे सेक्टर-61 से कालिंदी कुंज घाट तक शोभायात्रा निकाली गई। सेक्टर-25 जलवायु विहार में जया डे ने बताया कि यहां पर 11 बजे सिंदूर खेला गया। सेक्टर-50 के बरात घर में सुबह 10 बजे दुर्गा मां की विधि-विधान से पूजा के बाद सिंदूर खेला हुआ। उसके बाद दोपहर 12 बजे मां की मूर्ति को विसर्जन के लिए ओखला बैराज ले जाया गया। विमल शर्मा ने बताया कि इस बार मां की मूर्तियां पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाई गई थी, ताकि विसर्जन करने पर प्रदूषण न फैले। सेक्टर-12 की दुर्गा पूजा में महिलाओं का सिंदूर खेला विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।