नॉएडा : सेक्टर 30 स्थित चाइल्ड पीजीआई अस्पताल को एम्स के द्वारा टेकओवर किये जाने की की चर्चा जोरो पर चल रही है। और अगर ऐसा होता है तो जनपदवासियो के लिए बहुत ख़ुशी की खबर होगी , और अब बच्चो के इलाज के लिए दिल्ली जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। अब बच्चो की हर बीमारी का इलाज यही पर होगा। लेकिन जहा जनपदवासियो के लिए ख़ुशी की खबर है तो वही दूसरी तरफ जिला अस्पताल में कर्मचारी थोड़े से ना खुश है क्योकि अब उन्हे अपनी नौकरी का संकट दिखाई पड़ रहा है। । विधायक पंकज सिंह ने भी इस बात को और पुख्ता कर दिया। उन्होंने कहा कि वह चाइल्ड पीजीआई को एम्स का दर्जा दिलाने के लिए लगे हैं। इसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार से लगातार बातचीत हो रही है। संभावना है नए साल पर इस बारे में कोई पक्की खबर मिल जाए। उधर, चाइल्ड पीजीआई प्रबंधन का कहना है कि एम्स की टीम आने के बाद यह चर्चा और बढ़ गई है। हालांकि अभी हमारे पास लिखित में कोई जानकारी नहीं है। न ही अभी अंतिम फैसला हुआ है। एम्स की टीम ने दौरा किया है, आगे का फैसला भी एम्स को ही करना है। दरअसल पिछले 2 महीने में प्रदेश सरकार ने चाइल्ड पीजीआई को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए 3 बार पत्र लिखा है। पहले 2 बार एम्स प्रबंधन ने मना कर दिया लेकिन अब तीसरे पत्र के बाद एम्स की टीम ने यहां दौरा किया है।
फैसला होते ही 4 अधिकारियों का होगा तबादल चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर एके भट्ट का कहना है कि अगर नए साल पर इस बारे में कोई फैसला होता है तो डायरेक्टर, फाइनेंस ऑफिसर, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और सीएनओ का तुरंत तबादला होना है। अन्य लोगों का भविष्य क्या होगा यह फैसला होने के बाद ही पता चलेगा। अन्य कर्मचारियों की बढ़ सकती है मुश्किलें इस समय चाइल्ड पीजीआई में 218 कर्मचारी हैं। इनमें 36 डॉक्टर, 116 नर्स, 26 टेक्निशियन, 4 फार्मेसिस्ट व अन्य स्टाफ है। यदि एम्स इसे टेकओवर करता है तो इन कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि एम्स के मानकों के हिसाब से मौजूदा स्टाफ खरा उतरेगा या नहीं इसे बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। साथ ही यह भी संभावना जताई जा रही है कि यदि एम्स मौजूदा स्टाफ को नहीं लेता है तो सेक्टर-39 में तैयार किए जा रहे 300 बेड के जिला अस्पताल में भी प्रदेश सरकार उन्हें समाहित कर सकती है।