नॉएडा : यूपीपीसीएल के लिए काम करने वाले हज़ारो संविदा कर्मचारियों पर गाज गिरने को शुरुवात हो गयी है । काफी दिनों से
संविदा कर्मचारियों के फर्जीवाड़े की मिल रही शिकायत के आधार पर
यूपीपीसीएल के मेरठ मंडल अधिकारियो ने ने सर्तकता दिखाते हुए आदेश दिया है , जो भी ऐसे कर्मचारी है जिनका विभाग के पास कोई भी लेखा जोखा का प्रमाण पत्र नहीं है उनको तत्काल प्रभाव से हटाने के आदेश दिए है। जानकारी के अनुसार आरटीआई के द्वारा मिली खामियां के दौरान ये आदेश दिया गया। दरसल
यूपीपीसीएल में हर माह करोडो रुपये का फर्जी बिल संविदा कर्मचारियों के नाम पर विभाग से पास किया जाता है जबकि में उतने संविदा कर्मी बिजली विभाग ने नहीं है। इस पहले भी संविदा कर्मचारियों पर नॉएडा व् गाज़ियाबाद में ऐसे सवाल उठते रहे है। गौतमबुद्ध नगर में संविदा कर्मचारियों की कुल संख्या 750 की है परन्तु वेतन पास होता है एक हज़ार संविदा कर्मचारियों का । एक निजी संस्था ने आईटीआर के आधार पर इस मामले पर जवाब माँगा गया , जिसमे ये फर्जीवाड़े निकलकर आया है। जब संविदा कर्मचारियों का मामला प्रकाश में आया था। इसी मामले में को लेकर प्रबंध निदेशक ने सख्त कदम उठाते हुए यूपीपीसीएल के पुरे मेरठ मंडल में अधिकारियो से संविदा कर्मचारियों की सूची मांगी गयी , साथ ही प्रबंध निदेशक आशुतोष निरंजन ने निर्देश दिया की जिन कर्मचारियों का कोई रिकॉर्ड या चरित्र प्रमाण पत्र नहीं है उन कर्मचारियों को बिजली घर से तुरंत हटा दिया जाये। अब देखते है जो इस फजीवाड़े में अधिकारी फसे है उन पर
यूपीपीसीएल क्या कारवाई करता है।