नोएडा के सेक्टर-78 स्थित महागुन मॉडर्न सोसायटी में रह रहे लोगों को काफी परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है | आपको बता दे की कुछ दिन पहले हुई तेज बारिश के बाद जलभराव की वजह से नींव में पानी जा रहा है , जिससे बेसमेंट की कई दीवारें खराब होती नजर आ रही हैं। खासबात ये है की इस सोसायटी को बने अभी तीन साल ही हुए हैं | वही इस मामले में निवासियों का कहना है कि बिल्डरों ने बड़े-बड़े दावे करके उन्हें फ्लैट तो बेच दिए हैं पर सोसायटी की स्थिति देख वे अपनी जान जोखिम में डालकर इन फ्लैट में रहने के लिए मजबूर हैं। इन सबका मुख्य कारण बिल्डरों के फ्लैट बनाने में लापरवाही बताई जा रही है। यहां सीलन और खराब निर्माण से पिलर भी डैमेज दिख रहे हैं। ऐसे में बिल्डिंग के धंसने की संभावना बढ़ रही है। हाल यह है कि यहां पर जगह-जगह प्लास्टर गिरने लगा है। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लगातार पानी रिसने और जलभराव से सोसायटी की नींव कमजोर हो रही है। यहां के निवासी इस बारे में बिल्डर से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन ठीक से मरम्मत नहीं किया जा रहा है।
वही दूसरी तरफ सोसायटी के एक निवासी ने बताया कि इससे पहले भी चौथे फ्लोर से प्लास्टर गिर चुका है। अचानक बालकनी का प्लास्टर ग्रांउड फ्लोर पर गिरा था। हालांकि, किसी को चोट नहीं आई थी। लोगों का कहना है कि इतनी जल्दी इसका प्लास्टर झड़ने लगा है। सोसायटी में कई जगह यही हाल है। हैरानी की बात यह है कि सूखा प्लास्टर अगर झड़कर गिर रहा है तो इससे एक बात तो साफ होती है कि बिल्डर ने घटिया क्वालिटी का मैटीरियल का इस्तेमाल किया है। स्थिति देख अंदाजा लगाया जा सकता है आने वाले 10 सालों में बिल्डिंग का क्या हाल होगा।
आपको बता दे की महागुन मॉडर्न सोसायटी में रहने वाले लोगों को तीन साल पहले ही पजेशन मिला है। यह शहर की नई सोसायटी में से एक हैं। इसमें कुल 2700 फ्लोर है और 10 हजार के करीब लोग रह रहे हैं। सोसायटी में 34 टॉवर है, जिसमें अधिकतर 21 और 27 फ्लोर हैं। सोसायटी के लोगों का कहना है कि यहां के किसी ना किसी टावर में लिफ्ट खराब होने की घटना होती रहती है। इससे पहले भी कई बार लोग लिफ्ट में फंस चुके हैं। रखरखाव के अभाव में लिफ्ट खराब होने लगी हैं। शिकायत बिल्डर से करने पर कर्मचारी मामूली कमी बताकर लिफ्ट को चालू तो कर लेते हैं, लेकिन दूसरे दिन फिर वही स्थिति रहती है। भविष्य में लिफ्ट खराब न हो, इसके लिए बेहतर मेंटेनेंस नहीं किया गया। आए दिन लिफ्ट में फंसने की घटनाओं से फ्लैट मालिकों में भय पैदा हो गया है।