नॉएडा : एक आर. टी ,आई.के माध्यम से नॉएडा प्राधिकरण की एक बात तो साफ़ हो गयी कि जनता के हित के बारे में कितना सोचती है। प्राधिकरण खुद ही एक सवाल के जवाब में फस गया , जिसमे उसने कहा हैं कि प्रहकरण द्वारा निर्मित मकान एवं फ्लैट्स कभी ख़राब नहीं हो सकते और उन्हें किसी तरह के ‘हेल्थ ऑडिट’ की आवश्यकता नहीं है , यह बात स्वयं प्राधिकरण ने समाजसेवी रंजन तोमर के सवालों के जवाब में कही , शाहबेरी में बिल्डिंग गिरने के बाद प्राधिकरण द्वारा शहर के कई हिस्सों में बनाई गई इमारतों के जर्जर होने की खबर आई थी , जिसके बाद प्राधिकरण ने इनका हेल्थ ऑडिट न कर गाँवों में बनी कई इमारतों को बिना जांच के सील कर दिया। इसी कारण श्री तोमर ने दो सवाल प्राधिकरण से पूछे , पहला यह के क्या प्राधिकरण द्वारा निर्मित मकानों का समय समय पर ‘हेल्थ ऑडिट ‘ किआ जाता है जिससे यह पता लग सके के यह इमारतें रहने लायक हैं भी या नहीं , दूसरे सवाल में श्री तोमर ने पूछा था के यदि ऐसा होता है तो कितने अंतराल के बाद , इसके जवाब में प्राधिकरण कहता है के ‘निर्धारित मानकों, अनुदेशों एवं निर्धारित विशिष्टियों के अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा भवन निर्मित किये गए हैं। भवन निर्माण के निर्धारित मानकों के पुनः परिक्षण की आवश्यकता नहीं है ‘.प्राधिकरण के जवाब से यह बात साफ़ है के न तो इन बिल्डिंग्स का स्वतः हेल्थ ऑडिट होता है , न ही प्राधिकरण इस बारे में गंभीर है , हाँ किसी के शिकायत करने पर अथवा किसी प्रेशर के कारण प्राधिकरण ज़रूर ईमारत की हेल्थ ऑडिट करवाता होगा , किन्तु एक पूरे शहर को चलाने वाले प्राधिकरण से इस प्रकार की नीति अपनाना के इस बाबत कोई नीति ही न हो कई बड़े प्रश्न खड़े करता है , क्या प्राधिकरण सिर्फ पैसा कमाने के लिए बनाया गया है , क्या आम जनता की जान की कोई कीमत प्राधिकरण को नहीं है ? क्या प्राधिकरण गाँव के लोगों की इमारतों को बिना ऑडिट और टेस्ट किये सील कर सकता है पर अपनी इमारतों पर नहीं।
ऐसे कई सवाल है जिनका यहां की आम जनता प्राधिकरण के जवाब में आस लगाए बैठी है।