नोएडा : नॉएडा एनसीआर में पेड़ो रक्षा के लिए बड़े जोर शोर से एक अभियान चलाया जा रहा है ,ताकि शहरों को प्रदूषणमुक्त बनाया जा सके, और लोगो का स्वास्थ भी ठीक रहे , ये तब ही संभव है जब धरती पर पेड़ सुरक्षित रहेंगे। ऐसा ही एक अभियान नॉएडा के सेक्टर 93 में भी चलाया गया। जिसमे सेक्टरवासी सड़क पर उतरे , और पेड़ काटने का विरोध किया।
लोगो की जानकारी के अनुसार सेक्टर 93 में बायोडायवर्सिर्टी पार्क बनाने के लिए काफी संख्या में पेड़ काटे जा रहे है , जिनका यहाँ के 200 से अधिक सेक्टरवासियों ने पेड़ो के कटान के स्थान पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हुए। सभी लोगों वन क्षेत्र को बचाने से संबंधित स्लोगन लिखी तख्तियां हाथ में लिए हुए थे। वही लोगो का कहना कि यहाँ पर ऐसे पेड़ काटे जा रहे है जिनकी अनुमति नहीं ली है जंगल क्षेत्र को उसी तरह रहने दिया जाए। इसका लैंडयूज में परिवर्तन कर बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जाएगा। जहां कई तरह के पक्के निर्माण होंगे। जिससे प्रकृति का मूल स्वरूप नष्ट होगा। लोगों ने प्राधिकरण पर आरोप लगाया कि एक ही बार सभी पेड़ काटने की क्या जरुरत है, जितने पेड़ काट रहे हैं उतने लगाएं। पेड़ बड़े होने के बाद ही अन्य पेड़ काटें। ,साथ ही प्राधिकरण के खिलाफ भी नारे बाजी , जिसका असर ये रहा की , वन विभाग ने मामले को संघान लेते हुए वर्तमान में पेड़ो के काटने पर रोक लगा दी , और बिना अनुमति वाले काटे गए पेड़ो के चिन्हीकरण कर जाँच के आदेश दिए है , साथ ही वन विभाग ने प्राधिकरण व् ठेकेदार के खिलाफ भी मामला दर्ज करा दिया है।
आपको को बतादे कि लगभग ढाई हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। जिसमें 5-6 ऐसे पेड़ भी कटे जिनकी अनुमति नहीं ली गई थी। ऐसे में प्राधिकरण और ठेकेदार पर ट्री पोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जितने पेड़ काटने की अनुमति ली गई है। उससे अधिक पेड़ नहीं कटने दिए जाएंगे। पेड़ों के काटे जाने का विरोध स्थानीय लोग भी कर रहे हैं।पीके श्रीवास्तव, वन अधिकारी,2995 पेड़ यूकेलिप्टस के हैंप्राधिकरण ने बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने के लिए 3000 पेड़ काटने की अनुमति ली है। इसमें 2995 पेड़ यूकलिप्टस के हैं। पांच पेड़ बिलायती बबूल के भी हैं। प्राधिकरण ने 75 एकड़ में फैले 3000 पेड़ों को काटने की अनुमति ली है। जिससे बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जा सके। एक ही साथ 3000 पेड़ काटना गलत है। यूकलिप्टस पानी का सबसे अधिक दोहन करता है, लेकिन उसके फायदे भी हैं। जिन पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है, उन्हीं पेड़ों को काटना चाहिए। प्राधिकरण कई ऐसे पेड़ों को भी कटवा रहा है जिसकी अनुमति नहीं ली गई है।
–