नेफोमा का एक प्रतिनिधि मंडल बायर्स की समस्याओं को लेकर आज रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार के साथ बैठक की | वही इस बैठक में बहुत से बिंदुओं पर चर्चा की गई , जैसे की रेरा को और मजबूत करने और रेरा बायर्स के फायदे के लिए साबित हो बायर्स को लगे कि रेरा में केस करने से उसको टाइम की बचत और न्याय मिलने की सम्भावना हो सके | जिसके लिए नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने रेरा अध्यक्ष को अपने सुझाव दिए व पहली कंसिलेसन फोरम की सुनवाई के अनुभव साझा किए |
रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कंसिलेसन फोरम का गठन फ़्लेट बायर्स के फायदे के लिए किया गया है , जिसमे नेफोमा के सदस्य भी शामिल है नेफोमा ने जो सुझाव दिए है वो बायर्स के हित में है ,उन पर अमल कर लागू कराएंगे , जिससे फ़्लेट बायर्स को फायदा मिल सके |
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया रेरा से बायर्स को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके , जिसके लिए नेफोमा टीम के सभी सदस्य काम कर रहे है | साथ ही उनका कहना है की कंसिलेसन फोरम में बायर्स को न्याय मिले, रेरा में अभी कई खामियां है जिसका बिल्डर फायदा उठाते है | दस साल से फ़्लेट का इंतजार कर रहे बायर्स को एक्स्ट्रा पैसे के लिए परेशान किया जाता है , हमने रेरा अध्यक्ष और रेरा अधिकारियों से अपनी मांग रखी है उम्मीद है रेरा उचित कार्यवाही करेगी।
नेफोमा ने रेरा के सामने रखी माँगे
– कंसिलेसन फोरम में बिल्डर प्रतिनिधि को आर्थिक रूप ऑथोरिटी लेटर के साथ आना चाहिए, अगर बिल्डर नही आ रहा है ।
– बिल्डर और क्रेता दोनों को सही और गलत प्रथाओं के बारे में पता होना चाहिए।
– समानता के सिद्धांत का पालन करना होगा, ब्याज दरों को बिल्डर और खरीदार दोनों के जुर्माने के लिए समान रखा जाना चाहिए ।
– बिल्डर ने फ़्लेट की जब बुकिंग की थी जो पोजेशन की डेट बताई थी लेट पोजेशन दंड की गणना उसी तारीख से करना चाहिए अंतिम डिमांड.आईएफएमएस बिल्डर ग्रेस पीरियड के लिए दबाव करता है, इसलिए खरीदार भी भुगतान करने में समान ग्रेस पीरियड का हकदार होता है।