हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट न होने के कारण दिल्ली में कट रहे है चालान , लोगों में डर

नोएडा :– सभी वाहनों में एक अप्रैल से हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य है, लेकिन जिले का परिवहन विभाग इन सब से बेखबर है। ऐसे में अगर आप पुराने नंबर प्लेट वाले वाहन से दिल्ली जाते हैं तो आपका चालान कट सकता है। हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट कहां लगेगी, कैसे लगेगी, कौन लगाएगा, पुराने वाहन वालों को क्या करना होगा? ये सब सवाल लोगों को परेशान कर रहे हैं। विभाग ने भी इसको लेकर कोई कवायद शुरू नहीं की है। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव की वजह से वह इस तरफ ध्यान नहीं दे पाएं। अब जिले में स्थित संबंधित कंपनियों के डीलर्स चिह्नित करने का काम किया जाएगा और अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक इस बारे में बता पाएंगे कि पुराने वाहनों पर हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट कैसे लगेगी।

दिल्ली जाने से डर रहे हैं लोग

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने दिसंबर 2018 में यह नोटिफिकेशन जारी किया था कि एक अप्रैल 2019 से पूरे देश के सभी वाहनों में हाई सिक्यॉरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य होगी। इसे बाद उन वाहनों का चालान होगा, जिनमें नई नंबर प्लेट नहीं होगी। दिल्ली में पिछले चार साल से इसे लगाने का काम चल रहा है। नोएडा से हजारों वाहन रोज दिल्ली जाते हैं। तमाम लोगों के आय दिन चालान हो रहे हैं। वहां चालान कटने के बाद लोगों को इसके बारे में पता चलता है कि यह अनिवार्य कर दी गई है। जिले में जागरूकता के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं हुआ है।

खास है हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट

यह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट टैम्पर प्रूफ होगी। सुरक्षा के लिए इस नंबर प्लेट में अशोक चक्र की इमेज के साथ एक होलोग्राम भी होगा। नीचे की तरफ लेजर मार्क से लिखी गई कम से कम 7 अंकों वाली स्थाई पहचान संख्या होगी। इसे निकाला नहीं जा सकता। ऐसा करने पर ये प्लेट टूट जाएगी। इस तरह के नंबर प्लेट लगने से वाहन चोरी और फ्रॉड की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी। कार, स्कूटर, टैक्सी, कैब, ट्रक आदि सभी वाहनों की ऑनलाइन ट्रैकिंग संभव होगी। इससे कैब में महिलाओं के साथ आपराधिक घटनाओं को रोकने में भी मदद मिलेगी। इससे अपराधियों को पकड़ना आसान होगा। प्लेट की मदद से वाहन स्वामी की तमाम जानकारी एक क्लिक पर कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगी।

हाईलाइटर

-मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में साफ लिखा है कि इसके लिए किसी भी नए ग्राहक से अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

पुराने ग्राहक से कितने पैसे लिए जाएंगे, इसका जिक्र नोटिफिकेशन में नहीं है। 200-400 तक के खर्च में लगने का अनुमान है।

-5 साल की गारंटी होगी। इनमें लगा लेजर मार्क निकाले जाने पर खराब हो जाएगा।

-निर्माता या वाहन डीलर ही ग्राहकों को उपलब्ध कराएंगे।

-हाई सिक्यॉरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट 2001 में लगाने का फैसला किया गया था। कोर्ट में मामला जाने से लागू करने में लग गए 8 साल।

वही इस मामले में नोएडा के एआरटीओ एके पांडे का कहना वैसे तो एक अप्रैल 2019 से इसे लागू कर दिया गया है, लेकिन चुनाव में व्यस्त होने के चलते हम लोग इस तरफ ध्यान नहीं दे पाए। पुराने वाहनों के लिए अप्रैल के अंत तक चिह्नित डीलर्स की लिस्ट जारी कर पाएंगे।