स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है | खासबात यह है की स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में बेहतर रैंक हासिल करने के लिए मशक्कत 7 महीने पहले ही शुरू हो गई है। दरअसल पहले इसकी कवायद अक्टूबर से शुरू होती थी। आपको बता दे की इस साल एक अप्रैल से ही शहर में हुए कार्यों के अंक स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल किए जाएंगे। इस साल 4000 अंकों की परीक्षा होगी।
नोएडा अथॉरिटी को रैंकिग में सुधार के लिए बड़े स्तर पर प्रयास करने होंगे। मिनिस्ट्री ने इसका ड्राफ्ट जारी कर दिया है। अथॉरिटी में इसके प्लानिंग के साथ लक्ष्य तय कर काम करना शुरू कर दिया है। इस बार के सिलेबस में शामिल कार्यों का सितंबर तक पूरा करना होगा। इसके बाद ही अच्छी रैंक की उम्मीद की जा सकती है।
स्वच्छता सर्वेक्षण लीग-1000
अप्रैल से सितंबर तक सिलेबस के हिसाब से कितने प्रतिशत काम अथॉरिटी कर पाती है। इसी के आधार पर 1000 अंक मिलेंगे। इसके लिए अथॉरिटी ने अभी से मशक्कत शुरू कर दी है।
3000 अंकों के लिए मशक्कत
पब्लिक को दी जा रही बेसिक सुविधाओं के स्तर में कितने प्रतिशत सुधार हुआ। इसी के आधार पर 3000 में से अंक मिलेंगे। शहर का मेट्रो सिटी के लेवल के आधार पर स्टैंडर्ड क्या है। निर्धारित मानकों के आधार पर कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण हो रहा है या नहीं। इसके अलावा प्लास्टिक फ्री शहर, सीवरेज और मल का निपटरा, बायोमेडिकल वेस्ट, रिसाइक्लिंग वेस्ट की समस्या का समाधान, पानी की आपूर्ति और क्वॉलिटी, ओडीएफ प्लस-प्लस व 7 स्टार रेटिंग का स्टैंडर्ड के आधार पर अंक मिलेंगे। इसके अलावा पब्लिक फीडबैक महत्वपूर्ण होगा। हर काम के लिए नंबर तय किए गए हैं। प्लास्टिक फ्री शहर बनाने पर 50 अंक, मल निस्तारण पर 50 अंक, बायोमेडिकल वेस्ट की समस्या के समाधान पर 50 अंक पब्लिक फीडबैक से मिलेंगे। बनाना।
नोएडा प्राधिकरण के सामने चुनौतियां बहुत सी है जैसे की पानी की आपूर्ति और क्वॉलिटी को मानकों के आधार पर उपलब्ध कराना , शौचालयों का स्तर को बेहतर बनाए रखना , पब्लिक को कूड़ा कम पैदा करने और उन्हीं से निस्तारण कराने के लिए तैयार करना , प्लास्टिक फ्री शहर बनाना , कूड़े का सेगरीगेशन व अन्य प्रकार के वेस्ट का मानकों के आधार पर निस्तारण
वही इस मामले में नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी राजेश सिंह का कहना है की मिनिस्ट्री ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके आधार पर अथॉरिटी प्लानिंग और टारगेट तय कर रही है कौन से काम कब तक पूरे करने हैं ताकि अक्टूबर तक हम फाइट के लिए पूरा तरह तैयार रहें।