जनपद गौतम बुद्ध नगर एवं गाजियाबाद को रोड सेफ्टी के रूप में मॉडल तैयार किया जाएगा। शत प्रतिशत सीट बेल्ट एवं हेलमेट का वाहन चालक प्रयोग करेंगे। इस कार्य को मूर्त रूप प्रदान करने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट गौतम बुद्ध नगर के सभागार में डीजीपी उत्तर प्रदेश ओपी सिंह एवं प्रमुख सचिव परिवहन अराधना शुक्ला के द्वारा ज्वाइंड रूप से बैठक करते हुए दोनों जनपद के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
इस संबंध में की गई गहन समीक्षा रोड सेफ्टी को दृष्टिगत रखते हुए जनपद गौतम बुद्ध नगर एवं गाजियाबाद को मॉडल के रूप में तैयार करने के उद्देश्य से गौतम बुद्ध नगर कलेक्ट्रेट के सभागार में हाई प्रोफाइल बैठक आहूत की गई।
जिसमें उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह एवं उत्तर प्रदेश शासन की परिवहन प्रमुख सचिव अराधना शुक्ला के द्वारा संयुक्त रूप से दोनों जनपद के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए इस संबंध में गहन समीक्षा की गई। दोनों जनपदों को रोड सेफ्टी की दृष्टि से मॉडल के रूप में तैयार करने के उद्देश्य से गहन विचार विमर्श किया गया।
प्रमुख सचिव परिवहन अराधना शुक्ला ने इस अवसर पर कहा कि दोनों जनपदों में शत प्रतिशत वाहन चालक हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग करें इसके लिए दोनों जनपदों में एक वातावरण तैयार किया जाए। उन्होंने इस संबंध में कहा कि इस कार्य को दोनों जनपदों में पूर्ण करने के लिए जहां एक और जागरूकता कार्यक्रम बड़े स्तर पर संचालित करना होगा वहीं दूसरी ओर बहुत ही दृढ़ता के साथ प्रवर्तन का कार्य करते हुए सभी वाहन चालकों को एक संदेश देना होगा ताकि सभी टू व्हीलर्स चलाने वाले वाहन चालक शत प्रतिशत रूप से हेलमेट का प्रयोग करें और इसी प्रकार चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट का प्रयोग कर सकें।
उन्होंने कहा कि दोनों ही जनपदों में सीएसआर के माध्यम से जागरूकता कार्यक्रम एवं रोड सेफ्टी के संदर्भ में बड़े स्तर की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकती है। इसके लिए दोनों जनपद के जिला अधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दोनों जनपदों में हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग कराने के उद्देश्य से जहां एक और अभियान चलाकर प्रवर्तन कार्य बहुत ही गहनता के साथ किया जाए और ऐसे प्रयास किए जाएं की बिना हेलमेट पहने एवं सीट बेल्ट लगाने वाले वाहन चालकों का तत्काल चालान किया जाना संभव हो सके।
सुबह पार्कों में घूमने जाने वाले व्यक्तियों के द्वारा हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं किया जाता है। इस संबंध में गहन अभियान चलाकर प्रवर्तन का कार्य किया जाए ताकि इसके माध्यम से एक संदेश जा सके। इसी प्रकार स्कूलों में बच्चों को छोड़ने वाले अभिभावक हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग नहीं करते हैं यहां पर भी गहन अभियान चलाकर दोनों जनपदों में संदेश दिया जाए वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के सहयोग से यूनिवर्सिटी, कॉलेज, विश्वविद्यालय एवं स्कूलों में रोड सेफ्टी हेलमेट का प्रयोग एवं सीट बेल्ट लगाए जाने के संबंध में व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करते हुए घर घर में इसका संदेश दिया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी वाहन चालक कानून के डर से हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग करने के साथ-साथ उन्हें इस प्रकार प्रेरित किया जाए की हेलमेट लगाना एवं सीट बेल्ट बांधना उनके जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है। जिसके माध्यम से एक संस्कृति का विकास होगा और सभी वाहन चालक हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम सभी अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सरकारी गाड़ियों में वाहन चालक सीट बेल्ट का आवश्यक रूप से प्रयोग करें।
डीजीपी उत्तर प्रदेश ओपी सिंह ने समीक्षा करते हुए पाया की हेलमेट एवं सीट बेल्ट के लिए चलाने वाले अभियान के अंतर्गत मानकों से कम चालान किए गए हैं। इस संबंध में अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। समीक्षा के दौरान पाया गया कि दोनों जनपदों में अन्य जनपदों से स्थिति भिन्न है, और मैन पावर की कमी है।
इस संबंध में डीजीपी ने आश्वस्त किया कि दोनों जिलों के अधिकारियों द्वारा रोड सेफ्टी के संबंध में मॉडल तैयार करने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर ली जाए और अतिरिक्त जो मैन पावर की आवश्यकता हो उसकी व्यवस्था कराने के लिए आश्वस्त किया गया। डीजीपी द्वारा इस अवसर पर दोनों जनपदों में यातायात को सुगम बनाने एवं शत प्रतिशत रूप से वाहन चालक हेलमेट एवं सीट बेल्ट का प्रयोग करें इस दिशा में सीएसआर के माध्यम से भी दोनों जनपदों में अपार संभावनाएं हैं।
अतः दोनों जनपद के डीएम एवं एसएसपी इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई करते हुए रोड सेफ्टी का मॉडल तैयार करें। बैठक में डीजीपी ओपी सिंह के द्वारा कानून व्यवस्था के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए।
बैठक के अंत में जिलाधिकारी बीएन सिंह ने दोनों ही अधिकारियों को आश्वस्त किया कि जनपद को रोड सेफ्टी के मॉडल के रूप में तैयार करने के लिए जो दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं। उनका सभी अधिकारियों के माध्यम से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुए कार्य योजना तैयार की जाएगी और ऐसी संस्कृति का विकास करने का प्रयास किया जाएगा कि नोएडा में सभी वाहन चालक सीट बेल्ट एवं हेलमेट का प्रयोग करें। इस महत्वपूर्ण बैठक में एडीजी प्रशांत कुमार, आईजी यातायात दीपक रतन, आईजी रामकुमार, जिलाधिकारी बीएन सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण दोनों जनपदों के अधिकारीगण एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।