नोएडा में शादी का झांसा देकर फैशन डिजाइनिंग की छात्रा से रेप करने के आरोप कोर्ट में साबित नहीं हो सके। कोर्ट ने इन आरोपों से युवक को बरी कर दिया है। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने कहा है कि युवती ने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे।
घटनाक्रम के अनुसार नोएडा के सेक्टर-24 में इस मामले की रिपोर्ट वर्ष अगस्त 2014 में नोएडा के चौड़ा निवासी शिव कुमार के खिलाफ दर्ज कराई गई थी। युवती का आरोप था कि शिव कुमार ने जनवरी 2014 में उसे बहाने से अपने घर बुलाकर उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे पत्नी मानने की बात कही और बाद में संबंध बना लिए। शादी के लिए दबाव डालने पर शिव कुमार आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की बात कह कर टालता रहा। काफी कहने पर शिव कुमार ने कहा कि वह 29 जून 2014 को युवती के परिवार वालों से शादी की बात करेगा, लेकिन वह नहीं पहुंचा। बाद में उसने युवती के फोन उठाने बंद कर दिए।
नोएडा पुलिस ने इस मामले में अक्टूबर 2014 में कोर्ट में शिव कुमार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। कोर्ट में बचाव पक्ष ने कहा कि युवती बालिग है और उसने अपनी सहमति से संबंध बनाए थे। एफआईआर और कोर्ट में युवती के बयानों में विरोधाभाष सामने आया। फास्ट ट्रैक कोर्ट-1 एवं एडिशनल सेशन कोर्ट के जज वेद प्रकाश वर्मा की अदालत ने सबूतों को देखने और गवाहों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के गणेश सेन उर्फ दाऊ बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 2016 और उमेश कुमार व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि एफआईआर और कोर्ट में दिए बयानों में विरोधाभास है। युवती अपनी मर्जी से संबंध बनाती थी। अभियुक्त जब भी उसे बुलाता था, वह जाती थी। आज भी युवती उससे शादी के लिए तैयार है। सुप्रीम कोर्ट के दीपक गुलाटी बनाम हरियाणा राज्य केस में ऐसे ही मामले में लगाए गए आरोपों को आधारहीन माना गया है। लिहाजा जिला अदालत ने अभियुक्त को दोषमुक्त होने लायक माना। कोर्ट ने शिव कुमार को रेप के आरोप से बरी कर दिया। फैसला सुनाए जाने से पहले ही वह जमानत पर थे।