शाहबेरी मामले में बैंक और बिल्डर को हाई कोर्ट का नोटिस , 4 सप्ताह के अंदर माँगा जवाब 

शाहबेरी मामले में बैंक और बिल्डर को हाई कोर्ट का नोटिस , 4 सप्ताह के अंदर माँगा जवाब 

शाहबेरी में अवैध इमारतों को लोन देने के मामले में हाई कोर्ट ने बैंक और बिल्डर को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से हाई कोर्ट में कहा गया कि शाहबेरी में निर्माण अवैध हैं और इसमें बैंक की ओर से लोन नहीं दिया जाना चाहिए था।
इस मामले में बायर सचिन राघव की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। उन्होंने लोन देने वाले इंडियन ओवरसीज बैंक, बिल्डर एपीएस विजन होम्स और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आदि को पार्टी बनाया था।
आरोप है कि इनकी लापरवाही की वजह से वह अवैध एरिया में फंस गए हैं। बैंक ने इसमें लोन दिया था, जिसके चलते उन्हें यकीन हो गया था कि परियोजना वैध है। अब ग्रेनो अथॉरिटी इसको अवैध बताकर तोड़ने की बात कह रही है।
सचिन के अनुसार, इस मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से एडवोकेट रामेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शाहबेरी अथॉरिटी के अधिसूचित एरिया में आता है, इसमें निर्माण करना अवैध है। यहां जमीन अधिग्रहण के लिए धारा-4 और धारा-6 लागू हो चुकी हैं।
नियम के अनुसार धारा-4 के बाद खरीद-फरोख्त और निर्माण अवैध होता है, इसमें बैंकों ने लोन गलत दिया है। आपको बता दें कि शाहबेरी में 17 जुलाई 2018 को 2 अवैध इमारतें गिर गईं थीं। इस हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से अवैध निर्माण करने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है। कई बिल्डरों पर एनएसए भी लगाया गया है।