ग्रेटर नोएडा वेस्ट सामाजिक संस्था नेफोमा ने फीस वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर मांग की है लॉक डाऊन के समय की स्कूल फीस मांफ की जाए क्योंकि लॉकडाउन 3 का समय चल रहा है पेरेंट्स के पास बिल्कुल भी पैसे नहीं है जो जहां पर कार्य करते हैं प्राइवेट जॉब करते हैं ज्यादातर सोसाइटी निवासी तो उनको सैलरी 40 परसेंट कट होके मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में यह बिल्कुल संभव नहीं है कि वह स्कूलों की फीस दे पाए नेफोमा ने मांग की है कि वह जो स्कूल ऑलरेडी जब जमीन सरकार से मांगते हैं जमीन मांगते समय सरकार से 10 बातें करते हैं कि वह फीस जायज लेंगे और हमेशा पैरंट्स का ध्यान रखेंगे बच्चों का ध्यान रखेंगे लेकिन आज के दौर में स्कूलों ने शिक्षा को व्यापार बना लिया है और व्यापार के तहत वह सारे नियम कायदे कानून भूल जाते हैं और सिर्फ और सिर्फ पैसा कमाना उनका मकसद होता है इससे पहले 22 अप्रेल राज्य सभा सांसद सुरेंद्र नागर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर के 10 सदस्यों ने यही इल्तजा लगाई थी कि इस समय सबसे ज्वलंत मुद्दा फीस का है लोग परेशान हैं फीस नहीं दे पा रहे हैं ऐसे में जो स्कूल है वह बढी फीस मांग रहे थे व अतिरिक्त चार्ज भी वसूल रहे हैं
नेफोमा टीम ने क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र सिह से भी बात की थी की फीस का मुद्दा है मैं जिस को ध्यान रखते हुए कार्रवाई कराएं
क्षेत्रीय विधायक, सांसद से कहने के बाद स्कूलों ने फीस बढ़ी हुई तो वापस ले ली लेकिन उसमें कई अतिरिक्त चार्ज जोड़ दिया गया जैसे कि एनुअल मेंटेनेंस चार्ज और अन्य कई तरह के चार्ज लगाकर फीस वसूल रहे हैं जबकि वह कहते हैं हमने एनुअल चार्ज माफ कर दिया जबकि माफ स्कूलों ने कुछ नहीं किया है
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने मांग की है कि स्कूल बढ़ी हुई फीस वापिस ले और लोकडाउन के समय की फीस सरकार द्वारा माफ करवाई जाए जिससे जो अभिभावक परेशान हैं उनको राहत मिल सके
नेफोमा महासचिव रश्मि पाण्डेय ने बताया कि आज नेफोमा टीम ने ट्विटर पर अभियान चलाया है जिससे मांग की गई है कि जब दिल्ली सरकार स्कूल फीस माफ कर सकती है, जब राजस्थान सरकार बिजली, पानी माफ कर सकती है तो उत्तर प्रदेश सरकार क्यो मांफ नही कर सकती, हमने सरकार से आग्रह किया है कि जनता के हालत को देखते हुए कदम उठाए ।