नोएडा (16/12/2021):- पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की ओर से 11वे महाकौथिग मेले के आयोजन को लेकर आज नोएडा मिडिया किल्ब में बैठक का आयोजन हुआ। और इस बैठक में संस्था के संयोजक राजेंद्र चौहान ने बताया कि महाकौथिग मेले का आयोजन 24दिसंबर से 26 दिसंबर तक होगा। और यह मेला उत्तराखंड की लोक संस्कृति , रीति-रिवाज , औद्योगिक विकास एवं धार्मिक परम्पराओं व प्रगति का अद्भुत संगम होगा।
इस साल मेले का आयोजन तीन दिनों 24, 25 और 26 दिसम्बर को करने का निर्णय लिया गया है। और इस तीन दिवसीय मेले में पहले शुक्रवार 24 दिसम्बर को हवन पूजन , महाकौथिग उद्घाटन और नंदा देवी मां भगवती यात्रा और साथ ही प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा लोक गीतों और लोक नृत्य की प्रस्तुति भी होगी ।
दूसरे दिन शनिवार 25 दिसम्बर को मांगों सिंह भंडारी मंचन URSM द्वारा सांस्कृतिक और कला मंच और प्रसिद्ध लोक गायक गजेन्द्र राणा , आनिशा रांगण एवं पंकज पांडे द्वारा लोक गीतों की प्रस्तुति होगी। और तिसरे दिन रविवार 26 दिसंबर को प्रसिद्ध लोक गायिका कल्पना चौहान , युवा लोक गायक रोहित चौहान , हेमा भेंसोडा़ द्वारा लोकनृत्य की प्रस्तुतियां होगी और निदेशक उत्तराखंड राॅक सांस्कृतिक कला मंच दिल्ली, द्वारहाट दीप चंन्द्रा द्वारा लोक सांस्कृतिक की प्रस्तुति होगी और अन्त में पुरस्कार वितरण व मेला समापन होगा।
इस अवसर पर वरिष्ठ सलाहकार आदित्य घिल्डियाल ने कहा कि गौतम बुद्ध नगर के बहुत ही सौभाग्य की बात है कि पहली बार हमारे यहां महाकौथिग उत्तराखंड का बहुत बड़ा सांस्कृतिक मेले का आयोजन तीन दिनों के लिए नोएडा में होने जा रहा है। और साथ ही कहा कि इस मेले के जो सुत्रदार राजेंद्र चौहान का मैं बहुत आभारी हूं कि इन्होंने उत्तराखंड की धरोहर को संजोकर रखा है और पूरे इंडिया में इस मेले का आयोजन कराते हैं । और लगभग दस सालों से लगातार गाजियाबाद में इस मेले का आयोजन करते थे पर इस बार वहां पर जगह नही होने के कारण इस बार नोएडा में होगा । और हमारा सौभाग के ये नोएडा में होने जा रहा है क्योंकि एनसीआर में लगभग सभी राज्यों और विदेशों के लोग रहते हैं तो यहां लोगों को बहुत अद्भुत संगम इस मेले में देखने को मिलेगा। उत्तराखंड को देवों की भूमि कहलाती है। और इस मेले का आधार उत्तराखंड की सांस्कृतिक पर आधारित है इसलिए आप सभी लोगों को उत्तराखंड की सांस्कृतिक दिखने के लिए उत्तराखंड जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इस मेले आप को पूरे तीन दिनों के लिए उत्तराखंड का पूरा सांस्कृतिक और रिति-रिवाज और धार्मिक परम्पराओं दिखने को मिलेगा।
मेले के मुख्य संयोजक राजेन्द्र चौहान ने कहा कि महाकौथिग का अर्थ है कि उत्तराखंड में लगने वाले मेले और इस मेले का आधार पूरे उत्तराखंड के रिति-रिवाज और सांस्कृतिक पर आधारित है। और मेले में लोगों को उत्तराखंड की परम्पराएं , लोक कलाएं , हस्तशिल्प , ऊनी वस्त्र , हर्बल प्रोडक्ट्स , दाल – मसाले के बड़े ही शुद्ध रूप में मिलेंगे । यह एक बहुत ही अद्भुत संगम है उत्तराखंड कल्चर का और अपने वहां के परम्पराओं का और इसमें बाबा केदारनाथ धाम का मंच है उसका पूरा स्वभाव इस मेले में लोगों को दिखने के लिए मिलेगा। और एनसीआर के पांच जिले जिसमें फरीदाबाद , गुड़गांव , दिल्ली , गाजियाबाद , नोएडा और ग्रेटर नोएडा के लोग यहां इस मेले में सम्मिलित होंगे। और हम पूर्ण उम्मीद है कि इस बार यह महाकौथिग मेला एक एतिहासिक रूप में नोएडा में उभर कर आएगा। और सभी उत्तराखंड वासियों का इन्तजार है कि कब यहां हमारा प्राउत्सव आएगा , कब हमारी भाषा आएगी , कब हमारी बोली आएगी , कब हमारा कल्जर होगा ।
अध्यक्ष नरेंद्र सिंह बिष्ट ने टेन न्यूज के माध्यम से सभी लोगों को इस महाकौथिग तीन दिवसीय मेले 24 ,25 और 26 दिसंबर को मेले में आने के लिए आमंत्रित किया। और कहा कि इस मेले में हम पूरे उत्तराखंड की सांस्कृतिक को समेटकर यहां लाने वाले हैं और पूरा उत्तराखंड का लोक गीत , संगीत , नृत्य और साथ ही वहां की झांकियां , वहां का खान-पान , वहां की हर्बल प्रोडक्ट्स एक मंच पर एक ही जगह लोगों को मिलेगी। इसलिए इस मेले आइए क्योंकि इस मेले में आप को पूरे उत्तराखंड की छटा देखने को मिलेगी।।