टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (19-01-2022): सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए एक आरटीआई के जबाब में ‘दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति’ ने कहा कि ” यमुना के प्रदूषित होने का मूल कारण घरेलू सीवेज है।
ज्ञात हो कि आरटीआई कर्ता ने अपने आरटीआई में पूछा था कि ‘ डीपीसीसी नियमित रूप से यमुना नदी के प्रदूषण का नौ अलग अलग स्थानों पर नियमित निगरानी करता है।
डीपीसीसी ने आंकड़ों के साथ जबाब देते हुए कहा कि ” दिल्ली का अनुमानित दैनिक सीवेज लगभग 720 मिलियन गैलन है,जिसके निपटान की पूरी जिम्मेदारी दिल्ली जल बोर्ड(डीजेबी) की है।,अभी कुल सीवेज निपटारा के लिए 34 प्लांट है।
अंततः इतने वर्षों के बाद अब यही प्रश्न उठता है कि आखिर संस्थाएं क्यों जिम्मेदार हो? पर्याप्त निधि होने के बाद भी सरकारें यमुना को साफ करने में असफल रही है।
आरटीआई कार्यकर्ता अमित गुप्ता ने कहा कि “हम सभी जानते हैं कि यमुना जब शहर में प्रवेश करती तो स्वच्छ एवं साफ होती है लेकिन शहर से निकलते निकलते वो प्रदूषित और जहरीली हो जाती है।