टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (06–04–2022): नोएडा से हम आपको एक बड़ी खबर बताने जा रहे है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरक्षपीठ पर ‘लोन वुल्फ अटैक’ का खतरा है। इसी के चलते उत्तर प्रदेश के एंटी टेररिस्ट स्क्वायड (एटीएस) ने नोएडा से तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। सहारनपुर कानपुर से भी दो-दो लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। कुल मिलाकर इस मामले में बुधवार को एटीएस ने 7 लोगो की गिरफ्तारियां की हैं। इसे मामले मे बड़ी बात यह है की गौतमबुद्ध नगर पुलिस को इस संबंध में में एटीएस की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
स्थानीय पुलिस को नहीं मिली कोई सूचना
यूपी के एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड को इनपुट मिला है कि गोरखपुर में गोरक्षपीठ पर ‘लोन वुल्फ अटैक’ का खतरा है। जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कुछ आतंकी संगठन इस बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। इसी सिलसिले में एटीएस ने छानबीन शुरू की। जिसके आधार पर बुधवार को उत्तर प्रदेश के 3 शहरों नोएडा, कानपुर और सहारनपुर में छापेमारी की गई है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गोरक्षपीठ पर लोन वुल्फ़ अटैक की साजिश रची जा रही थी।
इस सिलसिले में एटीएस ने तीन लड़कों को नोएडा से हिरासत में लिया है। दो-दो लड़कों को कानपुर और सहारनपुर से उठाया गया है। कुल सात जगह पर एटीएस की छापेमारी हुई है। एटीएस का यह पूरा ऑपरेशन बेहद गोपनीय ढंग से अंजाम दिया गया था। इस बारे में स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी गई थी।
एटीएस ने स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं लिया
यह पूरी कार्रवाई करने के लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वायड ने गौतमबुद्ध नगर, कानपुर और सहारनपुर पुलिस को साथ नहीं लिया है। एटीएस ने बुधवार को खुद ही उत्तर प्रदेश में सात अलग-अलग स्थानों पर ऑपरेशन को अंजाम दिया है। गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने कहा की कार्रवाई की जानकारी मिली है लेकिन स्थानीय पुलिस को एटीएस ने सहयोग के लिए नहीं बुलाया था।
किसे कहते है लोन वुल्फ अटैक ?
इसे सामान्य रूप से कुछ इस तरह समझा जा सकता है। इसे ‘एक अकेले भेड़िये का हमला’ या ‘अकेले अभिनेता का हमला’ कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार का सामूहिक हत्याकांड होता है, जो किसी अकेले व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक स्थान पर अंजाम दिया जाता है।
वह अकेला व्यक्ति स्वयं कार्य की योजना बनाता है और अंजाम देता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में ऐसे हमले आमतौर पर आग्नेयास्त्रों से किए जाते हैं। अन्य देशों में कभी-कभी बड़े पैमाने पर छुरा घोंपने के लिए चाकू का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसकी परिभाषाएं अलग-अलग हैं।