9 साल बाद मिला मीनाक्षी को इंसाफ, पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (01/05/2022): नोएडा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसका फैसला अदालत ने लगभग 9 साल बाद सुनाया है।

जानें, क्या है पूरा मामला

धनोज और मीनाक्षी दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। धनोज अक्सर मीनाक्षी को परेशान किया करता था ।
सहायक शासकीय अधिवक्ता सुखवीर नागर ने बताया कि मुजफ्फरनगर निवासी सुरेश पाल ने 1 जुलाई 2013 को सेक्टर 58 थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी । रिपोर्ट में बताया गया था कि मीनाक्षी जिसकी उम्र 23 साल है वह मामूरा के गली नंबर 7 श्रवण कुमार के मकान में रूम पार्टनर शिल्पी, प्रतिभा के साथ रहती थी। मीनाक्षी की बहन मीनाक्षी 1 दिन पहले नोएडा उससे मिलने आई थी ।

 

मनोज का आरोप था कि 1 जुलाई को धनोज मीनाक्षी के कमरे में आया और कहा कि अब वह उसे परेशान परेशान नहीं करेगा । धनोज मीनाक्षी को बहला-फुसलाकर अपने किराए के मकान में ले गया । बहुत देर तक मीनाक्षी कही दिखाई नही दी तो देर शाम मीनाक्षी की दोस्त उसके खोजने गई । आस पड़ोस से पता चला की वहां पर धनोज आया था उसके बाद मीनाक्षी की दोस्त धनोज के कमरे पर गई और वहां धनोज के कमरे का ताला तोड़कर देखा तो मीनाक्षी की लाश खून से लथपथ पड़ी थी।

 

धनोज ने मीनाक्षी को उसी की कंपनी में काम करने वाले मोहम्मद फरहान से कुछ दिन पहले बात करते हुए देख लिया था उसके बाद धनोज और मीनाक्षी की हत्या करने के बाद फरहान पर भी कुल्हाड़ी से हमला करने पहुंचा था आरोपी मीनाक्षी की हत्या के बाद कुल्हाड़ी लेकर सेक्टर 65 स्थित कंपनी के बाद पहुंचा वहां कंपनी में काम करने वाले फरहान पर भी कुल्हाड़ी से हमला किया था

न्यायालय से सुनाया अपना फैसला

अब जाकर 9 साल बाद धनोज गिरी को अदालत ने दोषी करार दिया है प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश वेद प्रकाश वर्मा की अदालत ने धनोज को दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है और 20000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी ।