टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (14/05/2022): नोएडा शहर में प्रदूषण की समस्या काफी लंबे समय से चली आ रही है हालांकि नोएडा प्राधिकरण लगातार इस समस्या से निजात पाने को लेकर प्रयास कर रहा है लेकिन प्रदूषण इतना ज्यादा है कि उस पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है।
दूषित हवा में सांस लेना लोगों की मजबूरी हो गई है लोग जब गांव से शहर में आते हैं उनको प्रदूषण के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है इस बार प्रदूषण बढ़ने से गर्मियों में ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन लागू करना पड़ा ताकि प्रदूषण का प्रभाव कम किया जा सके ।सड़कों पर उड़ती धूल ,सोसाइटी में चलता कंस्ट्रक्शन का काम, गाड़ियों से निकलता धुआं और गाड़ियों से लगा जाम स्थिति बेहतर नहीं होने देता है।
यह समस्या सिर्फ नोएडा ही नहीं ग्रेटर नोएडा में रहने वाले अधिकतर लोग इस समस्या से पीड़ित हैं आमतौर पर सर्दियों में शहर की हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की जाती है। इस बार गर्मियों में भी लगातार हवा की स्थिति खराब बनी हुई है यही वजह है कि लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी लगातार बढ़ रही है यहां दूषित हवा में सांस लेना लोगों की मजबूरी है जब लोग शहर से दूर जाते हैं तो के समस्याओं से राहत मिल जाती है।
नोएडा के सेक्टर 27 स्थित एक निजी अस्पताल के फिजिशियन डॉ एके शुक्ला ने बताया कि यहां के लोगों में एलर्जी और सांस की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है गांव की बेहतर साफ हवा में रहने वाले लोगों को यहां की दूषित हवा बीमार कर देती है इनमें नाक से पानी आना आंखों में जलन गले में समस्या खासी सूखा कफ आना मरीजों के साथ ज्यादा फूलने लगती है जब परेशानी ज्यादा बढ़ती है तभी यह लोग इलाज के लिए आते हैं।
इस संबंध में नोएडा वासियों का कहना है कि शैलेश कुमार सेक्टर 27 में रहते हैं उन्होंने बताया कि वह नोएडा में 4 साल से रह रहे हैं यहां गले में खराश और आंखों में जलन की समस्या बनी रहती है वर्क फ्रॉम होम होने पर जब मैं घर गया तो मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक हो गई और जब से वर्क फ्रॉम होम खत्म हुआ है स्थिति पहले जैसी हो गई है।
प्रभा सहरावत नोएडा सेक्टर 29 में रहकर एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है वह बताती है कि सुबह उठते ही उनकी नाक से पानी आने लगता है और लगातार छींक आने लगती हैं जब कंपनी की छुट्टियां पड़ती है तो वह घर जाती है और घर जाते ही उनकी यह एलर्जी ठीक हो जाती है।।