टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (03/09/2022): 5 अगस्त को नोएडा के सेक्टर-93बी स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में श्रीकांत त्यागी द्वारा सोसायटी की एक महिला से अभद्रतापूर्ण व्यवहार करना काफी महंगा पड़ गया। इस मामले में पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट भी लगाया। जिसमें आरोपी श्रीकांत त्यागी समेत 10 दबंग लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा गया था।
वही शुक्रवार 2 सितंबर को सूरजपुर की एक अदालत ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत नोएडा पुलिस द्वारा श्रीकांत त्यागी के खिलाफ दर्ज किए गए मामले में श्रीकांत त्यागी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
श्रीकांत के वकील सुशील भाटी ने अदालत में श्रीकांत त्यागी के पक्ष में कहा कि, “मेरे मुवक्किल को उसके खिलाफ फेज-2 पुलिस स्टेशन में दर्ज चार में से तीन मामलों में जमानत दी गई है। वह समाज के लिए कोई खतरा नहीं है। उनकी कार की नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की गई और न ही उन्होंने अनुचित लाभ लेने के लिए यूपी सरकार के लोगो या स्टिकर का इस्तेमाल किया। आगे उन्होंने कहा कि मेरा मुवक्किल किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं है, इसलिए उसे जमानत मिलनी चाहिए।
इस मामले में विशेष न्यायाधीश रणविजय प्रताप सिंह ने अपने फैसले में कहा, “यह मानने का कोई आधार नहीं है कि आरोपी जमानत पर रहते हुए कोई अपराध नहीं करेगा। इसलिए अदालत को जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं मिला। इसलिए, अदालत द्वारा श्रीकांत की जमानत आवेदन खारिज किया जाता है।
आगे न्यायाधीश ने कहा, कि सबूतों के आधार पर आरोपी और सह-आरोपी (श्रीकांत का ड्राइवर राहुल) एक गिरोह के रूप में काम करता था। और आरोपी ने समाज में अपनी छाप छोड़ने के लिए अपनी कार पर यूपी सरकार के स्टिकर का इस्तेमाल किया। साथ सरकारी मोनोग्राम का भी इस्तेमाल किया। उच्च अधिकारी होने का नाटक करते हुए समाज में एक संदिग्ध स्थिति पैदा कर भय और दहशत का माहौल बना था।
बता दें कि न्यायिक हिरासत में रहने वाले श्रीकांत और उसके ड्राइवर राहुल को छोड़कर अब तक इस मामलों में 10 में से आठ आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।