टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (14 अक्टूबर 2022): दिवाली त्योहार का फेस्टिवल सीजन इस बार देश भर के व्यापारियों के लिए व्यापार के बड़े अवसर लेकर आ रहा है। और उम्मीद है कि दिवाली की त्योहार खरीद एवं अन्य सेवाओं के जरिये लगभग ढाई लाख करोड़ रुपये के तरलता का बाज़ार में आने की संभावना है । नोएडा के बाज़ारों मे पाँच हज़ार करोड़ से ज़्यादा धन प्रवाह की उम्मीद।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने कहा कि धन के इस पर्याप्त प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिलने की भी उम्मीद है। दो वर्षों के बाद वर्तमान दिवाली उत्सव बिना किसी कोविड प्रतिबंध के मनाया जाएगा, जो उपभोक्ताओं को दिवाली के लिए खरीदारी करने के लिए देश के हर शहर में वाणिज्यिक बाजारों में आने के लिए प्रेरित कर रहा है। दिवाली का त्योहार खरीदी उत्सव नवरात्रि के दिन 26 सितंबर से शुरू हो चुका है और तुलसी विवाह के दिन 5 नवंबर तक चलेगा । कैट के दिल्ली एनसीआर संयोजक सुशील कुमार जैन ने कहा की 8 अक्टूबर को केंद्र सरकार द्वारा डीए में 4% की बढ़ोतरी और 12 अक्टूबर को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अराजपत्रित रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता-लिंक्ड बोनस (पीएलबी) देने की सरकार की घोषणा से बाजार में नकद प्रवाह को गति मिलेगी ।
सुशील कुमार जैन ने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, दिवाली उत्सव के कारोबार में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज करने की उम्मीद है, दिवाली से संबंधित यात्राओं एवं अन्य सेवाओं के उपयोग पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने की उम्मीद है। ऑटोमोबाइल क्षेत्र के शीर्ष संगठन फाडा द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, नवरात्रि की अवधि के दौरान ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री में 57% की भारी वृद्धि हुई। वाहनों की सभी श्रेणियों में टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, वाणिज्यिक वाहन,निजी वाहन और ट्रैक्टरों में क्रमशः 52%, 115%, 48%, 70% और 58% की अत्यधिक उच्च वृद्धि हुई है । ये आंकड़े दिवाली उत्सव के दौरान अपेक्षित मजबूत कारोबार दिखाते हैं । एक अनुमान के अनुसार दिवाली त्योहार की अवधि के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी प्रकार की वस्तुओं के लगभग 5 करोड़ उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दिवाली उत्सव की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
सुशील कुमार जैन ने कहा कि महत्वपूर्ण रूप से इस वर्ष दिवाली में भारतीय उत्पादों की बिक्री एवं खरीद पर ही ज्यादा जोर है जिसके कारण चीन को देश के व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं ने लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के व्यापार का झटका दिया है । यह वो आंकड़ा है जो पहले चीन दिवाली की बिक्री से संबंधित सामान भारत को निर्यात करता था। गलवान की घटना के बाद भारतीय ग्राहकों ने अब चीनी सामान माँगना छोड़ दिया दिया है जिससे भारतीय उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देने में बहुत बढ़ावा मिला है ।
कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी, ने विभिन्न राज्यों के विभिन्न महत्वपूर्ण शहरों में एक सर्वेक्षण का दूसरा दौर पूरा किया जिसमें बाजारों में उपभोक्ताओं की बिक्री और प्रवृत्ति और सामान खरीदने में उनकी पसंद के मुख्य बिंदु थे । सर्वेक्षण में माल की खरीद पर ग्राहकों के बदलते व्यवहार से यह जाहिर होता है कि भारतीय सामान की मांग अधिक है और उपभोक्ता यह सुनिश्चित करते हैं कि वे कोई चीनी सामान नहीं खरीद रहे हैं।
शसुशील कुमार जैन ने कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल एवं आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों से इस दिवाली को “-अपनी दिवाली भारतीय दिवाली” के रूप में मनाने का आह्वान किया है। 40 हजार से अधिक देश भर के व्यापारी संगठन भारत में नर्मित उत्पादों विशेष रूप से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को देश भर के बाज़ारों में बड़ा व्यापार देंगे ! इसके अलावा एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण और सामान, रसोई के सामान और अन्य उपकरण, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान्न-नमकीन ,होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, मोबाइल और उसके सहायक उपकरण, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध और दूध उत्पाद, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि क्षेत्रों में बड़े व्यापार की संभावना है।
पिछले सालो के व्यापार से इस बार नोएडा के बाज़ारों में बहुत ज़्यादा ग्राहक आ रहे हैं जिसे देखते हुए इस बार 5000 करोड़ से ज़्यादा का धन प्रवाह होने की आशा है ।