टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (30 नवंबर 2022): नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने नोएडा प्राधिकरण पर नाले की सफाई में लापरवाही बरतने और बिना शोधित किए सीवर का पानी नाले में गिराने को लेकर 100 करोड़ का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद यमुना प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सोमवार को शीर्ष न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए एनजीटी के आदेश को रद्द कर दिया, इस मामले में नोएडा प्राधिकरण को बड़ी राहत मिली है।
आपको बता दें कि पांच अगस्त को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने नोएडा प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था।यह जुर्माना सेक्टर 137 निवासी अभीष्ट कुसुम गुप्ता की याचिका पर लगाया गया था। इसमें कहा गया था कि 21 किलोमीटर लंबे सिंचाई विभाग नाले की सफाई नहीं हुई।
एनजीटी ने आदेश में दिल्ली जल बोर्ड को भी फटकार लगाते हुए 50-50 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है।इस मामले में शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान फटकार लगाते हुए कहा कि आप शीर्ष अदालत जा सकते हैं।।