टेन न्यूज नेटवर्क
नोएडा (09/02/2023): नोएडा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। मंगलवार, 7 को थाना फेस 1 पुलिस ने गोलचक्कर से औखला पक्षी विहार के गेट के पास से चोरी की योजना बनाते हुए अन्तर्राज्यीय वाहन चोर गिरोह के 04 आरोपी राहुल उर्फ मोनू नि0 ग्राम सलेमपुर, बुलन्दशहर हाल पता छपरौला गढ़ी जिला गाजियाबाद उम्र करीब 24 वर्ष, इंसाफ नि0 ग्राम लाडलाका जिला भरतपुर राजस्थान उम्र करीब 25 वर्ष, चांद नि0 मौहल्ला बिलाल मस्जिद गौतमबुद्धनगर उम्र करीब 26 और सलमान नि0 मौहल्ला बिलाल मस्जिद गौतमबुद्धनगर उम्र करीब 24 वर्ष को गिरफ्तार किया गया है।
जिनके कब्जे से चोरी की कार एवं मोटर साईकिल एवं चोरियों की घटना में प्रयुक्त होण्डा सिटी कार बरामद की गयी है। आरोपियों के अन्य 05 साथी अन्धेरा का फायदा उठाते हुए पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नियत से फायरिंग करते हुए टाटा 407 एवं बुलेरो पिकअप लेकर मौके से भागने में सफल रहें। भागे गये आरोपियों ने थाना सेक्टर 24, थाना सेक्टर 58, थाना फेस 1 एवं थाना सैक्टर 20 से चार पहिया एवं दोपहिया वाहनो की चोरियां की है, जिनकी बरामदगी हेतू टीम गठित कर प्रयास किया जा रहा है।
अपराध करने का तरीका-
आरोपी सुनियोजित तरीके से वाहन चोरी की घटना को अंजाम देते हैं। आरोपियों में से आरोपी राहुल उर्फ मोनू, चांद ,सलमान ये लोग वाहन चोरी करने के पहले चुराये जाने वाले वाहनो की रेकी कर अपने अन्य साथियों को सूचना देते हैं एंव फिर एवं अन्य साथियों को बुलाकर एक साथ गिरोह बनाकर वाहन चोरी करते है। ये लोग जब चोरी करने आते है तो अपने साथ बुलेरो पिकअप या टाटा 407 गाडी भी इस लिए लाते है कि यदि ये दो पहिया वाहन का लाक न तोड पाये तो उक्त वाहन को उठाकर ही बुलेरो पिक या टाटा 407 मे डालकर ले जाये।
यदि चोरी करने के दौरान इस गिरोह के चोरो को पुलिस या वाहन स्वामी द्वारा देख लिया जाता है तो ये लोग अवैध अस्लाह से फायरिंग करते हुए मौके से भाग जाते हैं। चोरी किये वाहनो को राजस्थान एंव हरियाणा के मेवात क्षेत्र मे ले जाकर वाहनो का वास्तविक इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर को घिसकर मिटा देते है एंव उसी कम्पनी/माडल/मार्का के अन्य किसी वाहन का इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर चोरी किये वाहन पर गोद कर उसकी फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र बनाकर उसको असली के रूप मे बताकर वाहन राजस्थान व हरियाणा मे बेच देते है। एंव इंजन नम्बर चेसिस नम्बर रजिस्ट्रेशन नम्बर बदलकर चोरी किये गये वाहनो को गोवंश की तस्करी एंव गोमांस की ब्रिकी मे भी उपयोग मे लाते है। चोरी के वाहन को बेचने से प्राप्त धन को आपस मे बाटकर अपनी आजीविका चलाते है।