टेन न्यूज़ नेटवर्क
नोएडा (25 मई 2023): UPSC ने CSE 2022 का परीक्षा परिणाम मंगलवार को घोषित कर दिया है। CSE 2022 में कुल 933 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। इन सफल उम्मीदवारों में एक नाम है नोएडा की गौरी प्रभात का। नोएडा की रहने वाली गौरी प्रभात ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 47 वी रैंक हासिल की है।
गौरी ने टेन न्यूज़ इंडिया से बातचीत करते हुए अपने सफर के बारे में बताया कि उनकी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफेंस कॉलेज से हुई। उन्होंने इकोनॉमिक्स में अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। गौरी का वैकल्पिक विषय इकोनॉमिक्स था, और माध्यम अंग्रेजी था। परंतु गौरी ने यह भी कहा कि इस बार हिंदी माध्यम में तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के परिणाम बेहद प्रशंसनीय है, गौरी ने अपनी पढ़ाई मुख्य रूप से सेल्फ स्टडी के माध्यम से की है। उन्होंने मॉक और प्रैक्टिस टेस्ट के लिए कोचिंग में अप्लाई किया था। गौरी अपनी सफलता की राह में अपने परिवार का खास योगदान मानती हैं। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता दोनों ही प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े हैं। इस वजह से उन्हें इस तैयारी में काफी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ और प्रेरणा भी मिली । गौरी के बड़े भाई शशांक कुमार ने भी गौरी के आत्मविश्वास को हमेशा बुलंद किया। गौरी ने अपनी पढ़ाई को कभी घंटों में नहीं मापा, परंतु प्रारंभिक और मेन एग्जाम के समय काफी लंबे घंटो तक की पढ़ाई की। उन्होंने इस राह को काफी चुनौतीपूर्ण बताया, और कहा कि असफलता हाथ लगने की स्थिति में उसे स्वीकार करें और दोबारा से प्रयास करने की कोशिश करें।
आपको बता दें कि गौरी के पिता प्रभात कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के वर्ष 1985 बैच के टॉपर – ईमानदार और तेज तर्रार आईएएस अफसर रह चुके हैं। इसी के साथ उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन भी रहे हैं। साथ ही गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के कुलपति भी रहे हैं। प्रभात कुमार की छवि उत्तर प्रदेश में सत्यनिष्ठा से भरपुर और एक ईमानदार आईएएस अफसर की रही है। गौरी के पिता का कहना है कि उसके माता-पिता का सहयोग उतना ही रहा जितना गौरी ने उनसे अपेक्षा की। उन्होंने गौरी को मानसिक रूप से ही नहीं बल्कि उसकी स्टडी मैटेरियल और उनकी पढ़ाई के प्लान में भी सहायता की। उन्होंने अन्य अभिभावकों को संदेश देते हुए कहा कि वह बच्चों को यह बताएं कि आईएएस की परीक्षा मुश्किल नहीं है पर मेहनत की आवश्यकता है, और असफलता भी सफलता की राह का एक हिस्सा है।
गौरी की मां हिमालिनी कश्यप फॉर्मर इंडियन रिवेन्यू सर्विस ऑफिसर रही है। उन्होंने भी गौरी की सफलता का श्रेय गौरी को ही दिया उन्होंने कहा कि यह इसकी मेहनत और परिश्रम का परिणाम है। उनका कहना है कि गौरी पर उसके परिवार की तरफ से किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं था और उन्होंने बताया कि अभिभावक सिर्फ अपने बच्चों को राह दिखा सकते हैं उस राह पर चलने का कार्य बच्चों का ही होता है। यूपीएससी की परीक्षा में जितने भी अभ्यर्थी सफल हुए हैं उनको भी शुभकामनाएं दी।।